बीकानेर,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि एससी, एसटी अत्याचार के प्रकरणों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के साथ सामाजिक समरसता की दिशा में भी प्रयास किए जाएं।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में जिला कलक्टर ने यह निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि पुलिस और अभियोजन अधिकारी समन्वय से कार्य करें। जांच के स्तर पर लंबित प्रकरणों के निस्तारण के मद्देनजर पुलिस अनुसंधान कार्य में तेजी लाए। संबंधित एजेंसियां समन्वित रूप से काम करें और पीड़ित को न्याय दिलवाएं।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने पुलिस द्वारा प्रत्येक प्रकरण में नियमसम्मत और त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी. पंवार ने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के 114 प्रकरणों में से 63 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत कर 154 लाख रुपए की मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है।इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के 5 प्रकरणों से एक में चालान प्रस्तुत कर 8 लाख मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, विशिष्ट लोक अभियोजक (एससी-एसटी सेल) कुंदन व्यास, सहायक निदेशक (अभियोजन) भगवान सिंह राठौड़, समिति के सदस्य डूंगर राम परिहार मुरलीधर पन्नू और ललित तेजस्वी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
*नशाखोरी रोकने के लिए मजबूत करें सूचना तंत्र*
*नार्कों कोर्डिनेशन के लिए बैठक आयोजित*
नार्को कॉर्डिनेशन के लिए आयोजित बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि नशे के कारण अन्य अपराध बढ़ने की संभावना रहती है। इसके मद्देनजर नशाखोरी के विरुद्ध सघन अभियान के रूप में कार्यवाही की जाए। जिला कलक्टर ने कहा कि युवा पीढ़ी के भविष्य को नशे के अंधकार से बचाने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करें और छोटे छोटे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्यवाही करें।
बैठक में नशीली दवा व ड्रग्स का उपयोग, मादक पदार्थों का उपयोग व तस्करी रोकने, नशामुक्ति केन्द्र की समीक्षा की गई।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने कहा कि तस्करी रोकने हेतु सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कम्युनिटी पार्टिसिपेशन सबसे जरूरी है। संबंधित एजेंसियां इस पर विशेष ध्यान देते हुए स्थानीय भागीदारी के लिए अभियान चलाएं।