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बीकानेर। दुकान पेटे रुपए देने वापस नहीं देने एवं धमकाने से परेशान एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के भाई विजयकुमार ने रिपोर्ट में तीन व्यक्तियों पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है।
जेएनवीसी पुलिस के अनुसार परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि उसका बड़ा भाई देवेन्द्र कुमार (४४) पुत्र मोडाराम रेगर ने घर के कमरे में जहां जूतियां बनाने का काम करते हैं वहां पंखे के हुक से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। उसे पंखे के हुक से नीचे उतार कर पीबीएम अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिवादी ने बताया कि हमारी पारिवारिक दुकान अलख सागर रोड हरी भवन के सामने है। इस दुकान को पहले पिताजी करते थे। उनकी मृत्यु के बाद दुकान खोलने गए तो दुकान मालिक नरपतसिंह और उसके भाई मोहनसिंह ने हमें दुकान खोलने से मना कर दिया। उक्त व्यक्ति ने कहा कि पगड़ी की रकम हजम हो गई, दुकान खाली कर दो। इसका विवाद न्यायालय में चल रहा है।

भरोसा दिलाया बाद में मुकरे
परिवादी ने बताया कि पांच-छह महीने पहले अलख सागर निवासी नरपतसिंह, मोहनसिंह भाटी पुत्र करणीसिंह बड़े भाई देवेन्द्र के पास आए और कहा कि हम मार्केट बना रहे हैं, जिसमें चार दुकानें हैं। एक पगड़ी लेकर किसी को दे दी है शेष बची दुकान तुम पगड़ी जमा करवाकर लोगों तो पुरानी दुकान का केस हटवा लेंगे। तीनों दुकानों के गेट खजांची मार्केट के पीछे खुलेंगे। इससे व्यापार में फायदा होगा। तब देवेन्द्र ने मामा के लड़के डुंगरराम पुत्र हुल्लास राम रेगर एवं धर्मेन्द्र पुत्र चम्पालाल रेगर से बात कर एक-एक दुकान उन्हें लेने के लिए राजी किया। एक दुकान हमारे छोटे भाई महेन्द्र के नाम लेने का निर्णय किया ताकि पुरानी दुकान बच सके। देवेन्द्र ने अपनी दुकान की पगड़ी ३.६० लाख रुपए एवं अन्य दुकानों की पगड़ी के पेटे ३.20 लाख रुपए में सौदा फाइनल कर लिया। देवेन्द्र ने तीन लाख रुपए का सेल्फ का चेक और लाख रुपए नकद दिए। एक एक-एक लाख रुपए का चेक महेन्द्र, डुंगर व विजय के नाम का दिया। दुकान का किराया ३200 रुपए तय हुआ। यह तय हुआ था कि दुकानों के गेट खजांची मार्केट की तरफ नहीं खुले तो पगड़ी वापस लेंगे। १५-20 दिन पहले खजांची मार्केट के रास्ते की तरफ मार्केट मालिक ने दीवार बनाना शुरू किया। इसकी जानकारी नरपतसिंह व मोहनसिंह को दी तो उन्होंने कहा कि तुम्हे रुपए वापस लौटा देंगे लेकिन बाद में रुपए देने से मना कर दिया। भाई देवेन्द्र ने तकाजा किया तो उसे गालियां निकाली तथा डराया धमकाया, जिससे वह तनाव में आ गया। देवेन्द्र पगड़ी देने के लिए रुपए किसी से उधार लिए थे। इसी तनाव के चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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