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बीकानेर,25 सितंबर को समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाने के आरोप में कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, कैबिनेट मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ सकती है।इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में सरदारशहर उपचुनाव के लिए जारी हुई 40 सदस्यीय स्टार प्रचारकों की सूची में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को शामिल नहीं किया गया। वही अब भारत जोड़ो यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से गठित की गई समितियों में भी इन तीनों नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। जिसे लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं।पायलट कैम्प लगातार बना रहा कार्रवाई का दबाव

राजनीतिक जानकार पार्टी के इस कदम को किसी बड़ी संभावित कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं। वही धर्मेंद्र राठौड़, महेश जोशी और शांति धारीवाल को नोटिस जारी करने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने को लेकर सचिन पायलट कैम्प लगातार पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाए हुए था और जल्द से जल्द तीनों नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा था। साथ ही भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में भी इन नेताओं को शामिल नहीं किए जाने पर सवाल खड़े किए थे। पायलट कैंप ने साफ कहा था जब तक पार्टी आलाकमान तीनों नेताओं पर कोई फैसला नहीं लेता तब तक इन नेताओं को किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। सूत्रों की माने तो महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को स्टार प्रचारकों के बाद भारत जोड़ो यात्रा की समितियों में भी शामिल नहीं करने को लेकर सचिन पायलट कैम्प अपनी जीत बता रहा है। पायलट कैंप का मानना है कि पार्टी आलाकमान की ओर से जल्द ही इन तीनों नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

सीएम गहलोत के करीबी हैं तीनों नेता राजस्थान में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बेहद करीबी माना जाता है। पिछले 4 साल में सियासी संकट, राज्यसभा चुनाव, उदयपुर नवसंकल्प शिविर सहित जितने भी आयोजन राजस्थान कांग्रेस में हुए उन सभी में तीनों नेताओं की अहम भूमिका रही थी।

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