
बीकानेर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद् बीकानेर महानगर इकाई के द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर ‘सामाजिक समरसता एवं समन्वय और महर्षि वाल्मीकि’ विषय पर विचार गोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ.अन्नाराम शर्मा ने कहा कि सर्व समाज में वर्ग विशेष की भूमिका का सही निर्वहन करना ही समाज को जोड़ने का काम होता है। महर्षि वाल्मीकि ने इसे करके दिखाया। उन्ही के आदर्शों को अपनाकर समाज आगे बढ़ सकता है। मुख्य वक्ता डाॅ.बाबूलाल बिकोनिया ने महर्षि वाल्मीकि और रामायण में सामाजिक समरसता पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि ममता से ही समरसता की सिद्धि होती है। विशिष्ट अतिथि प्रो. शालिनी मूलचंदानी ने महर्षि वाल्मीकि और श्रीराम के जीवन पर विस्तार से अपने विचार रखे । कार्यक्रम में परिषद् की प्रान्तीय उपाध्यक्ष मोनिका गौड़, महानगर अध्यक्ष डाॅ. बसन्ती हर्ष, उपाध्यक्षा डाॅ.कृष्णा आचार्य महामंत्री जितेंद्रसिंह, सह सचिव डाॅ.श्रीनिवास शर्मा, डॉ. एस एन हर्ष, राजाराम स्वर्णकार, श्रीमती रेणु वर्मा और गोपाल कृष्ण वाल्मीकि ने भी अपने विचार रखे।