बीकानेर,महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय की अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा की स्थानीय इकाई की ओर से आज महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में कर्तव्य बोध दिवस तथा मकर संक्रांति पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता क्षेत्र सह संपर्क प्रमुख योगेंद्र तथा विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी प्रोफेसर दिग्विजय सिंह रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के माल्यार्पण एवं दीप प्रचलन कर किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्राचार्य अभिलाषा आल्हा तथा वरिष्ठ संकाय सदस्या प्रोफेसर इंदिरा गोस्वामी द्वारा मुख्य अतिथि माननीय क्षेत्र सह संपर्क प्रमुख योगेंद्र का शॉल उपर्णा तथा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर दिग्विजय सिंह जी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रोफेसर उज्जवल गोस्वामी तथा इकाई अध्यक्ष डॉक्टर हेमेंद्र अरोड़ा द्वारा उपर्णा ओढाकर एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के ही विशिष्ट तिथि बाबूलाल का अभिनंदन डॉक्टर रविंद्र कुमार शर्मा तथा इकाई सचिव डॉक्टर राधा सोलंकी द्वारा माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉक्टर अभिलाषा आल्हा ने अतिथियों का परिचय करवाया तथा अपने उद्बोधन में सभी आगंतुकों से अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन करने पर बल दिया।
मुख्य वक्ता योगेंद्र ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में युवाओं की भूमिका की चर्चा करते हुए विवेकानंद सुभाष चंद्र बोस आदि आदि व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। व्यक्ति को अपने कर्तव्यों को राष्ट्रहित में निर्वहन करने की महत्ता पर प्रकाश डाला। व्यक्ति का प्रत्येक कार्य राष्ट्र परक हो, राष्ट्र के उत्थान के प्रति समर्पित हो। व्यक्ति के छोटे-छोटे प्रयासों से राष्ट्र की अभिवृद्धि संभव है, चाहे वे नागरिक संस्कार हों या फिर जल संरक्षण हो पर्यावरण चेतना इन सभी के प्रति चिंतनशील होकर हमें कार्य करने की आवश्यकता है। योगेंद्र ने छात्राओं से अपने दैनंदिन कार्यों में प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान देने का आह्वान किया। सामाजिक समरसता का विषय हो या कुटुंब प्रबोधन यह सभी सह अस्तित्व की भावना से प्रेरक होकर प्रत्येक व्यक्ति में समाविष्ट हो तभी समृद्ध राष्ट्र और विकसित राष्ट्र बन सकता है। योगेंद्र ने कहा कि भारतीय युवा शक्ति में वह ताकत है कि दुनिया में भारत अग्रणी पंक्ति में आज भी खड़ा हो सकता है और भारत में यह कर दिखाया है। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर दिग्विजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा की अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ शिक्षकों की समस्याओं के चिंतन के साथ सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु भी निरंतर प्रयासरत रहता है प्रोफेसर सिंह ने संगठन के द्वारा प्रत्येक इकाई द्वारा आयोजित किए जाने वाले नियमित एवं नैमित्तिक आयोजनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज समाज में कर्तव्यों के निर्वहन की आवश्यकता है अधिकारों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है तभी हम समाज में अपना योगदान दे सकते हैं केवल अधिकारों से राष्ट्र संवर्धन नहीं हो सकता कर्तव्यों के प्रति समर्पण भाव रखते हुए तथा राष्ट्र का चिंतन करते हुए सभी उनका निर्वहन करें तभी भारत विकसित राष्ट्र बनकर दुनिया को एक दिशा दिखा सकता है।
विशिष्टातिथि बाबूलाल ने युवाओं को नई-नई तकनीक ऐसी कर नवाचार कर अपनी में महती भूमिका को पहचानने पर बल दिया। आज हम जो सोचते हैं उसे क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। बाबूलाल ने अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने का युवाओं से आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की इकाई की तरफ से अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक राजस्थान (उच्च शिक्षा) की नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने पर डूंगर महाविद्यालय के प्रोफेसर शशिकांत तथा महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय की प्रोफेसर उज्जवल गोस्वामी का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभी संकाय सदस्यों व अतिथियों के लिए मकर संक्रांति पर्व के उपलक्ष में प्रसाद ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन इकाई सचिव डॉक्टर राधा सोलंकी द्वारा किया गया कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों तथा विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर सहभागिता कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम के अंत में इकाई अध्यक्ष डॉक्टर हेमेंद्र अरोड़ा द्वारा आगंतुक सभी अतिथियों संकाय सदस्यों तथा विद्यार्थियों का आभार प्रदर्शित किया गया।