बीकानेर,अक्षय तृतीया के दिन सामूहिक वर्षीतप पारणा का आयोजन रखा गया है। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान के तपस्या करने के 400 दिन बाद अक्षय तृतीया के दिन राजकुमार श्रेयांश कुमार नें इच्छु रस से पारणा करवाया था। इस उपलक्ष में यह तप किया जाता है । जैन धर्म में वर्षीतप एक बहुत बड़ी तपस्या है जो 1 वर्ष तक एकांतर अर्थात एक दिन छोड़कर एक दिन उपवास करना होता है, इस उपवास में लगभग 40 घंटे तक बिना आहार के रहना होता है। दूसरे दिन 8 घंटे आहार के लिए खोला जाता है , फिर 40 घंटे का उपवास किया जाता है , इसी क्रम में लगभग 1 वर्ष तक उपवास किया जाता है। इस तप को वर्षी तप कहा जाता है। संस्था के कोषाध्यक्ष राजेश राखेचा ने बताया की सकल श्री संघ की ओर से वर्षी तप पूर्ण होने पर तपस्वीयों का बागड़ी मोहल्ला स्थित ढ़ढा कोटडी में संपूर्ण विधि विधान के साथ मैं सामूहिक पारणा करवाया जाएगा।
अखिल भारतीय श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक युवक संघ के उपाध्यक्ष विनीत नाहटा ने बताया की गच्छगणिनी परम पूज्य सुलोचना श्री जी महाराज साहिब की सुशिष्या पूज्य प्रियरंजना श्री जी महाराज साहब का सानिध्य प्राप्त होगा।