
बीकानेर,रिटायरमेंट से पहले राजस्थान में मिग-21 ने आखिरी उड़ान भरी। एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह से बीकानेर के नाल एयरबेस से इसमें उड़ान भरी। वे इस मौके पर भावुक भी नजर आए।
वहीं, करीब 6 दशक से भारतीय सरहदों की रखवाली कर रहा मिग-21 फिर से चर्चा में आ गया है। विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना का वर्तमान में ऐसा कोई पायलट नहीं है जिसने इस फाइटर जेट का न उड़ाया हो।
बालाकोट स्ट्राइक के बाद कैप्टन अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 बाइसन से ही एफ-16 को मार गिराया था। ये फाइटर जेट ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तैनात रहा है।
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिग-21 से ही ग्रुप कैप्टन अभिनंदन ने पाकिस्तान का F-16 विमान मार गिराया था।
मिग-21 को साल 2025 की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर में भी ‘ऑपरेशनल’ भूमिका में तैनात किया गया था।
अब इस फाइटर जेट को रिटायर करने की शुरुआत राजस्थान से कर दी गई है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बीकानेर के नाल एयरबेस पर MiG-21 में उड़ान भरकर राजस्थान में इसके रिटायर होने की औपचारिक शुरुआत की। अब 19 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान को चंडीगढ़ एयरबेस पर मिग-21 का मुख्य विदाई कार्यक्रम होगा।
1963 में वायु सेना में शामिल हुआ मिग-21
भारतीय वायु सेना के बेड़े में मिग-21 को 1963 में शामिल किया गया। मिग-21 लगभग 6 दशकों से भारतीय वायुसेना में सेवा दे रहा है और भारत की वायु शक्ति का आधार रहा है। चंडीगढ़ में स्थापित इसकी पहली स्क्वाड्रन, 28 स्क्वाड्रन, को भारत के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के रूप में ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ उपनाम दिया गया था।
मिग-21 पहला सुपरसोनिक विमान
विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि मिग-21 लड़ाकू विमान को नाम भी इसके डिजाइनर व निर्माता के नाम पर दिया गया। मिग शब्द मिकोयान और गुरेविच का संक्षिप्त रूप है, जो इस विमान के डिजाइनर और निर्माता थे। मिग-21 का पहला 28 स्क्वाड्रन चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था। सिंह ने बताया कि मिग-21 पहला सुपरसोनिक विमान होने के कारण, इस स्क्वाड्रन को “पहला सुपरसोनिक” कहा जाता था।
ढाका में राज्यपाल के आवास पर किया था हमला
इस लड़ाकू विमान ने कई युद्धों में निर्णायक भूमिका भी निभाई। 1971 के युद्ध में, मिग-21 ने ढाका में राज्यपाल के आवास पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस विमान ने दुश्मन के लड़ाकू विमानों की कई पीढ़ियों को मार गिराया है। 1971 में F-104 से लेकर 2019 में F-16 तक – जो इसे भारतीय वायुसेना के इतिहास में सबसे अधिक युद्ध-परीक्षणित लड़ाकू विमानों में से एक बनाता है।
1765 के अभियानों में भी रहा तैनात
मिग-21 1965 के अभियानों में ऑपरेशनल रूप से तैनात किया गया और उसमें शामिल रहा। 1965 में इसका ऑपरेशनल इतिहास काफी अच्छा रहा। इसके बाद 1971 का युद्ध हुआ, जिसमें मिग-21 सभी स्क्वाड्रनों में शामिल था।
और सबसे महत्वपूर्ण हमला 14 दिसंबर 1971 को ढाका (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश) में राज्यपाल के आवास पर हुआ।
15 दिसंबर को राज्यपाल ने इस्तीफा दे दिया। 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस विमान ने एक महत्वपूर्ण मोड़ दिया,”
एयरफोर्स का हर पायलट उड़ा चुका मिग-21
विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना का लगभग हर पायलट, अन्य विमानों की ओर रुख करने से पहले मिग-21 उड़ा चुका है।
एयर चीफ मार्शल ने भरी अंतिम उड़ान
इससे पहले सोमवार को मिग की विरासत का सम्मान करने के लिए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने इस प्रतिष्ठित विमान में उड़ान भरी और इसकी विरासत और दशकों की सेवा को याद किया।
भारतीय वायु सेना मिग-21 को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) मार्क 1ए से बदलने की संभावना है। वायु सेना 26 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान को चरणबद्ध तरीके से हटाने की तैयारी कर रही है।
भारतीय वायुसेना (IAF) के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान MiG-21 को राजस्थान से रिटायर करने की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बीकानेर के नाल एयरबेस पर MiG-21 में उड़ान भरी। उड़ान के बाद वायुसेना प्रमुख भावुक हो गए।
उन्होंने अधिकारियों और वायुसैनिकों से बातचीत में कहा- छह दशकों से अधिक समय तक MiG-21 भारतीय वायुसेना का रीढ़ रहा है। 1985 में तेजपुर में मैंने पहली बार MiG-21 उड़ाया था।
यह नया अनुभव था। यह बेहद फुर्तीला, मैनूवरेबल और ईजी डिजाइन वाला है। मैक्स रिच पर यह 200-250 मीटर प्रति सेकेंड की दर से चढ़ सकता था। उड़ान भरने वाले इसे हमेशा याद रखेंगे।
बता दें कि MiG-21 फाइटर जेट की आखिरी 2 स्क्वॉड्रन (36 मिग-21) राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस पर तैनात है। इन्हें नंबर 3 स्क्वॉड्रन कोबरा और नंबर 23 स्क्वॉड्रन पैंथर्स के नाम से जाना जाता है।
भारतीय वायुसेना (IAF) में 62 साल तक सर्विस देने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान 19 सितंबर को रिटायर होगा और इसकी सेवाएं आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएगी। चंडीगढ़ एयरबेस में फाइटर जेट का मुख्य विदाई कार्यक्रम होगा।
अब तेजस उत्तराधिकारी
एयर चीफ मार्शल सिंह ने तेजस को उत्तराधिकारी बताया। उन्होंने कहा- तेजस को MiG-21 के स्थान पर बनाया गया था। यह छोटा है, जिसका डिजाइन MiG-21 पर ही आधारित है। जबकि मिराज से भी इंस्पिरेशन ली गई है। डेल्टा विंग प्लेटफॉर्म इसी वजह से है।
उन्होंने कहा- वायुसेना में तेजस लड़ाकू विमान MiG-21 की जगह अच्छे से ले लेगा, हालांकि हथियारों को लाने- ले जाने के लिहाज से इसे और एवॉल्व करना होगा। 83 तेजस विमानों का कॉन्ट्रैक्ट पहले ही हो चुका है।
दुनियाभर में 11 हजार MiG-21 बनाए गए वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने बताया- दुनिया भर में करीब 11 हजार MiG-21 विमान बनाए गए। 60 से ज्यादा देशों ने इसे संचालित किया है। यह दुनिया के सबसे ज्यादा बनाए और चलाए गए सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक है।
उन्होंने कहा- छह दशक तक सेवा देने के बाद इस विमान को विदाई देकर आगे बढ़ने का फैसला लिया गया है। तेजस, तेजस MK-2, राफेल और सुखोई-30 जैसे आधुनिक प्लेटफॉर्म अब इसकी जगह लेंगे और भारतीय आकाश में वर्चस्व को कायम रखेंगे।
उन्होंने कहा- कई पायलटों के लिए MiG-21 केवल एक मशीन नहीं, बल्कि एक गुरु, युद्ध का साथी और भारत की हवाई क्षमता का प्रतीक था। MiG-21 के एक अध्याय के समाप्त होने के साथ भारतीय वायुसेना एक नए युग की ओर बढ़ रही हैं, वो एक ऐसा युग है, जिसमें स्वदेशी तेजस, उन्नत राफेल और आने वाला AMCA भारत की वायु शक्ति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
2021 के बाद 7 बार क्रैश हुआ MiG-21
5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में मिग क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।
17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी।
20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने में सफल रहा था।
25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
8 मई 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।