बीकानेर,कोरोना की तीसरी लहर व लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण हवाई व रेलवे यातायात पर असर पड़ा है। यहां यात्री भार में कमी आई है। लेकिन यह कमी बसों में देखने को नहीं मिल रही है। खासकर छोटे रूट की बसों में। प्रदेश के भीतर ही छोटे रूट पर चलने वाली बसों में यात्री भार अभी भी 70-80 फीसदी चल रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ने से पहले भी यह लगभग इतना ही था। रोडवेज बसों में यात्री भार की बात करें तो अभी भी 75 से 80 फीसदी यात्री भार आ रहा है।
बसों व बस स्टैंड पर नहीं हो रही कोविड प्रोटोकॉल की पालना बसों में यात्री भार पहले जितना ही है। निजी, रोडवेज बसों और सिटी बसों में भी लोग खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं। बसों व बस स्टैंड पर कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं की जा रही है। सिंधी कैम्प पर अभी भी रोजाना 70-80 हजार लोगों की आवाजाही हो रही है। मगर यहां बाहरी राज्यों से आई बसों में यात्री काफी अधिक संख्या में थे। अधिकांश यात्रियों ने मास्क भी नहीं पहने हुए थे। यहीं हाल नारायण सिंह सर्कल पर दिखा। दूसरे जिलों में जा रही बसों में बैठे यात्रियों ने ही नहीं बल्कि कई बसों में तो ड्राइवर और कंडक्टर ने भी मास्क नहीं पहने हुए थे। कई बसें यात्रियों से खचाखच भरी थी। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना तो दूर की बात है।
अभी ध्यान नहीं दिया तो गांवों तक होगी पहुंच
दूसरी लहर के समय भी इन्हीं कारणों से संक्रमण गांवों तक पहुंच गया था। गांवों में कोरोना के कारण काफी अधिक संख्या में लोग बीमार हुए थे और मौतें भी हुई थीं। इस बार भी अगर ध्यान नहीं रखा गया तो तीसरी लहर में भी संक्रमण गांवों तक पहुंच जाएगा।
फैक्ट फाइल –
– 1300 बसों का संचालन किया जा रहा सिंधी कैम्प से।
– 1100 बसें राजस्थान रोडवेज की संचालित हो रही है
– 200 बसें अन्य राज्यों की संचालित की जा रही
– 70-80 हजार लोगों की आवाजाही हो रही सिंधी कैम्प पर।