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बीकानेर,कहते हैं जिसकी कला का लोहा चहूँऔर मनाया जाता है कलाकार के किरदार पर उसकी आर्ट छ पी होती है और इस कला को उसके परिवार के सदस्य अपना लें तो वह कल जीवित होती है और परिवार के बीच में बस कर जीवित रहती है बीकानेर में भी एक ऐसा परिवार है जिसकी तीन पीढ़ियां अब तक के किरदार निभाती आ रही है जी हां हम बात कर रहे हैं नगर के ख्यातनाम आहूजा परिवार की जिनके सदस्य स्वर्गीय माधव दास आहूजा ने 1958 में पहली बार बीकानेर दशहरा कमेटी की ओर से दशहरा उत्सव पर निकले वाली झांकी पर रावण का किरदार निभाया था इस आहूजा परिवार के तीन पीढ़ियां अब तक के किरदार निभाती आ रही हैं और जब परिवार के माधव दास ने कुल 20 बार रावण का पात्र निभाया उसके बाद माधव दास के सुपुत्र पूर्व आयकर अधिकारी शिवाजी आहूजा इस पात्र को 25 वर्षों तक बेहतर तरीके से अंजाम दिया अब जय लंकेश के नाम से जाना पहचाना नाम वरिष्ठ एंकर और पत्रकार के कुमार आहूजा पिछले 22 वर्षों से इस किरदार को निभा रहे हैं।

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