
बीकानेर,एसकेआरएयू के कृषि अनुसंधान केन्द्र में सोमवार को कृषि खरीफ क्षेत्रीय अनुसंधान एवं विस्तार सलाहकार समिति (जर्क) की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार टी के जोशी, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एच एल देशवाल, परियोजना निदेशक सि.क्षे.वि. सत्यनारायण, अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश व काजरी बीकानेर के अध्यक्ष नवरत्न पंवार जैसे विषय विशेषज्ञों सहित बीकानेर, चूरू, जैसलमेर के कृषि, उद्यानिकी, आत्मा, विश्वविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि कृषि अनुसंधान एवं विस्तार के बेहतर समन्वय से ही किसानों को नव कृषि तकनीक का लाभ मिलेगा। नवाचारी तकनीकी से कृषि का विकास होगा तथा किसानों की आय बढे़गी। क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एच एल देशवाल ने भूमि पोषकता पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने कहा कि अधिक उत्पादन के लिए किसानों को यूरिया, डीएपी, एसएसपी के साथ साथ कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट व हरी खाद का उपयोग करना चाहिए। अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार टी के जोशी ने कहा कि अनुसंधान से निकलकर सामने आई नई फसल किस्मों व रिक्मनडेशन को जोन की पैकेज ऑफ पैकि्टेसेज में सम्मिलित किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सकें। काजरी के अध्यक्ष डॉ नवरत्न पंवार ने बताया कि जल के समुचित उपयोग के मद्देनजर किसानों को बूंद-बूंद सिंचाई के महत्व को समझना होगा। परियोजना निदेशक सीएडी सत्यनारायण ने कृषि एवं उद्यानिकी नवाचारों पर अनुसंधान की बात कही। कार्यशाला में विभिन्न कृषि व उद्यानिकी फसलों की पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज पर विस्तार से चर्चा की गई। परिचर्चा में कृषि वैज्ञानिक प्रो. अमर सिंह गोदारा, डॉ एस पी सिंह, डॉ एच एल देशवाल, डॉ पी सी गुप्ता, डॉ एम एल सोनी, डॉ बी डी एस नाथावत, डॉ विजय सिंह, डॉ भूपेंद्र सिंह व संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, संयुक्त निदेशक उद्यान दयाशंकर, धर्मवीर डूडी उपनिदेशक जयदीप दोगने, रेणु वर्मा, डॉ राम किशोर मेहरा, सहायक निदेशक कृषि मुकेश गहलोत, भैराराम गोदारा, राजेश गोदारा, सुभाष विश्नोई, राजूराम डोगीवाल, रूबीना परवीन, प्रदीप चौधरी, मीनाक्षी शर्मा, ममता, महेन्द्र प्रताप, अब्दुल अमीन आदि ने भाग लिया।