बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय और आत्मा के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय किसान मेला सोमवार को प्रारंभ हुआ।
विश्वविद्यालय के स्टेडियम में ‘पोषक अनाज, समृद्ध किसान’ थीम पर आयोजित मेले के मुख्य अतिथि कृषि एवं पशुपालन विभाग मंत्री श्री लालचंद कटारिया थे।
उन्होंने कहा कि देश के विकास का रास्ता खेत और खलिहान से होकर गुजरता है। किसान सशक्त होंगे, तो देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन में बीकानेर और समूचे पश्चिमी राजस्थान का विशेष योगदान रहा है। पीढ़ियों से मोटा अनाज हमारी थाली का हिस्सा रहा, लेकिन धीरे-धीरे हम इससे दूर होते गए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कृषि विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी कि थाली में पोषक तत्वों से भरपूर अनाज नहीं होगा, तो मनुष्य को स्वास्थ्य की दृष्टि से अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसके मध्यनजर हमें मोटे अनाज की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि आज बाजरे की प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ाने की जरूरत है। विश्वविद्यालय इस और ध्यान दें। कृषि मंत्री ने कहा कि आज दूध उत्पादन में राजस्थान देश के पहले स्थान पर हैं। खेती के नए प्रयोग करते हुए किसान अपनी आय बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि जोत सीमित है लेकिन उत्पादन बढ़ाना चुनौती है। इसके लिए हमें खेती की नई तकनीक अपनानी होंगी। कृषि मंत्री ने कहा कि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ऐसे नवाचार करें, जिन्हें देश और दुनिया में देखा जा सके। विश्वविद्यालय गांव गोद लें और तकनीकों को किसानों तक पहुंचाएं।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि किसान देश की आत्मा है। भारत की खेती और यहां के खेतीहर मजदूर पूरे देश-दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखते हैं। उन्होंने कहा कि किसान भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएं, जिससे वे नई तकनीकों की जानकारी ले सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने लगातार बेहतरीन बजट प्रस्तुत करते हुए आमजन को संबल दिया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सरकार के वर्तमान कार्यकाल में साढ़े चार हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।
राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामेश्वर डूडी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है। किसान समृद्ध होगा तो देश विकास के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को इस दिशा में काम करते हुए नए अनुसंधान करने होंगे। उन्होंने कहा कि नहरी और वर्षा पर निर्भर किसानों की खेती का तरीका अलग-अलग होता है। ऐसे में सभी किसान खेती की नई तकनीकें अपनाएं, जिससे उन्हें लाभ हों। श्री डूडी ने बाजरे की देशी नस्ल प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ें।
ऊर्जा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि तीन दिन चलने वाले इस मेले के दौरान किसान नई तकनीकों को सीखें और इन्हें अपनाएं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पांच साल किसानों की बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की घोषणा की थी। सरकार ने अपना वादा निभाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, किसानों को प्रतिमाह 2000 यूनिट बिजली विद्युत निशुल्क उपलब्ध करवाने जैसे ऐतिहासिक निर्णय सरकार द्वारा लिए गए हैं।
श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने कहा कि नई तकनीकें, कृषि को और अधिक समृद्ध करेगी। किसान मेले के दौरान कृषि विशेषज्ञों से नई बातें सीखे और इन्हें अपनाएं।
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय मेले में 100 से अधिक स्टालें लगाई गई हैं। उन्होंने मेले के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। अतिथियों ने मेले में लगाए गए स्टोल्स का अवलोकन किया तथा उनकी सराहना की। कार्यक्रम में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी, विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र बलवदा, केसरा राम गोदारा, भागीरथ तेतरवाल, कुलसचिव सुनीता चौधरी, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां के अलावा विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर कृषि विभाग के अधिकारी सहित हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे।
*विभिन्न पुस्तकों का किया विमोचन, वितरित किए पुरस्कार*
इस दौरान कृषि मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने मेला स्मारिका, मशरूम उत्पादन तकनीक, प्रगति के पथ पर अग्रसर कृषि महाविद्यालय: मंडावा, हार्नेसिंग द पोटेंशियल ऑफ मिलेट्स फॉर एग्री एंटरप्रेन्योरशिप पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने आत्मा द्वारा चयनित किसानों, विभिन्न कृषक प्रतियोगिताओं के विजेताओं, चौधरी चरण सिंह स्मृति पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कृत किया। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र झुंझुनू के प्रभारी डॉ. दयानंद को सर्वश्रेष्ठ प्रसार कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया। कृषि मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने कृषि महाविद्यालय के स्नातकोत्तर कन्या छात्रावास और सभागार का लोकार्पण भी किया।