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बीकानेर.कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन होने के बाद अब नगर विकास न्यास अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर फिर से राजनीतिक सक्रियता शुरू हो गई है। विधानसभा चुनाव में महज 13 महीनों का ही समय शेष रहने के चलते अब न्यास अध्यक्ष की नियुक्ति जल्दी से जल्दी करने पड़े हैं। की संभावना जताई जा रही है। बीकानेर नगर विकास न्यास अध्यक्ष के लिए अल्पसंख्यक समुदाय सक्रिय है। इसी के साथ कुछ अन्य नाम भी चल रहे है।

दीपावली के बाद बुधवार को फिर से न्यास अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई। इसी के साथ कांग्रेस की जिला कमेटियां लम्बे समय से भंग है। कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के निर्णयों की पालना में पांच साल से पदों पर बने कांग्रेसी अपने इस्तीफे प्रदेश कमेटी को भेज चुके हैं। ऐसे में बीकानेर शहर जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत की जगह नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जानी है। इसी तरह देहात अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत को केशकला बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद एक व्यक्ति एक पद फार्मूला के तहत जिलाध्यक्ष का पद खाली है।

इन दोनों महत्वपूर्ण पदों के लिए संगठनात्मक नियुक्तियां की जानी है। हालांकि प्रदेश स्तर पर कांग्रेस में बदलाव के बाद ही जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां होगी। इसमें करीब एक-डेढ़ महीने का समय लग जाएगा। बीकानेर यूआइटी अध्यक्ष समेत प्रदेश में न्यास अध्यक्षों के पद रिक्त पड़े है।

प्रदेश स्तर पर भी कई राजनीतिक नियुक्तियां की जानी है। इनमें मदरसा बोर्ड अध्यक्ष, अल्प संख्यक वित्त एवं विकास निगम अध्यक्ष, राजस्थान वेयर हाउस कार्पोरेशन अध्यक्ष, चर्मकार, ज्योतिबा फुले समेत नए बने तीन बोर्ड में अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्तियां बाकी है। ऐसे में बीकानेर के वरिष्ठ कांग्रेसी इन नियुक्तियों में अपना नम्बर आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट के साथ ही कुछ कांग्रेसी नेता जयपुर और दिल्ली भी गए हैं।

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