बीकानेरअप पुलिस अपराध रोकथाम के साथ आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से स्कूल कॉलेजों में जाकर खुशनुमा जिंदगी की बातें करेगी। छात्र-छात्राओं, युवाओं और अन्य लोगों को अवसाद से बाहर निकालेगी। आत्महत्या जैसी प्रवृति को रोकने एवं युवाओं को दिमागी रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से बीकानेर रेंज में पुलिस जान है तो जहान है अभियान चलाएगी। पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। कई कारणों से अवसादग्रस्त होकर अपनी जान देने की कोशिश करने वालों को इस अभियान के जरिए जिंदगी का महत्व समझाया जाएगा। ऐसे लोगों को चिन्हित करने, काउंसलिंग, हेल्पलाइन के जरिए उन्हें मदद देने सहित तमाम काम किए जाएंगे। बीकानेर रेंज आत्महत्या के मामलों में प्रदेश में चौथे नंबर पर है।
केवल पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों की बात करें तो बीते पांच सालों में बीकानेर रेंज में 1897 लोगों ने आत्महत्या की है। बीकानेर रेंज पुलिस एसपी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग से संपर्क कर इस पर पायलेट प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं।
बीकानेर में आत्महत्या के मामले अधिक
बीकानेर रेंज में आत्महत्या के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। इनमें भी बीकानेर जिले में यह आंकड़ा हर साल दो फीसदी अधिक बढ़ रहा है। साल 2020 में 297 लोगों ने आत्महत्या की थी जबकि 2021 में 313 ने खुदकुशी की।
समाज की मदद से खुदकुशी पर लगाएंगे फुलस्टॉप
पुलिस इस अभियान से समाज व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जोड़ेगी। लोगों और खासकर युवा वर्ग के बीच बढ़ती आत्महत्या की दुष्प्रवृत्ति को हेल्पलाइन के जरिए रोकने के साथ ही उन्हें जीने के लिए प्रेरित करेंगे। मानसिक रोगों की पहचान और उनके निदान के लिए वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करेंगे। खासतौर से स्कूल-कॉलेजों में विशेष अभियान चलाएंगे। वहां शिक्षकों को ऐसे बच्चों को चिन्हित करने और उनकी काउंसलिंग के लिए तैयार किया जाएगा।