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बीकानेर,जयपुर, पद पर सीपी जोशी की नियुक्ति के बाद अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का पद ही ब्राह्मण को दिया है, ऐसे में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए भी जातिगत समीकरणों को देखा जाएगा। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में भाजपा के कई कद्दावर नेता शामिल है, मगर पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पद पर नियुक्ति करेगी।

इस पद की दौड़ में भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां का नाम भी तेजी से सामने आया है। पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद जाट समाज में नाराजगी है ऐसे में पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर जाट समाज को खुश कर सकती है। इसी तरह वर्तमान में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जी इस पद के प्रबल दावेदारों में शामिल है। उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर पार्टी राजपूत समाज को खुद की ओर खींचने का प्रयास कर सकती है।

ये नाम भी दौड़ में शामिल

नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में अजमेर से विधायक वासुदेव देवनानी का नाम भी शामिल है। देवनानी संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। सदन में वह सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इसी तरह मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है। कालीचरण सराफ वैश्य समाज से आते हैं जो भाजपा का परंपरागत वोट बैंक है।

सत्ता पक्ष है भाजपा पर हमलावर

नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं होने से सत्ता पक्ष ने इस बार विधानसभा में लगातार भाजपा पर प्रहार किए। जिसका भाजपा नेता कोई जवाब भी नहीं दे पाए। हालांकि विधानसभा सत्र खत्म हो चुका है ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका नगेने रहेगी लेकिन पार्टी जातिगत समीकरणों को साधने के लिए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकती है।

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