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बीकानेर। राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर उठापठक की स्थिति बनती दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर बड़ा फैसला आने की संभावनाएं हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट को लेकर पहले से ही कांग्रेस आलाकमान अपना मन बनाए हुए हैं लेकिन फिलहाल अभी इस बात को जाहिर नहीं होने दिया जा रहा है।

 

अजमेर में चर्चाओं का दौर जारी

नाम न छापने की शर्त पर अजमेर के एक मजबूत कांग्रेस नेता का कहना है कि प्रदेश में एकबार फिर से उठापठक के हालात बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान मार्च महीने के बाद पायलट को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इसे लेकर केन्द्रीय नेतृत्व स्थानीय नेताओं संग बातचीत भी कर रहा है।

 

सट्टा बाजार में भी पायलट को लेकर बड़ी सुगबुगाहट

राजस्थान के सट्टा बाजार में भी पायलट के प्रदेश में वापस मजबूत होने की चर्चाएं जोरों पर हैं। सटोरियों के मुताबिक, मार्च के बाद पायलट प्रदेश में मजबूत स्थिति में बन सकते हैं। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि पायलट को दिल्ली भेजकर उन्हें सगठन की जिम्मेदारी देकर प्रदेश से दूर किया जा सकता है। हालांकि पिछले दिनों पायलट ने एक कार्यक्रम में ‘जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां’ गाकर संकेत दे दिए थे कि वह प्रदेश की राजनीति को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।

 

अजमेर के लोगों से है पायलट का गहरा लगाव

2009 के लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव जीते और सांसद बने। इसके बाद पायलट को मनमोहन सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया। अपने कार्यकाल के दौरान पायलट ने अजमेर के लिए काफी विकास कार्य करवाए, जिनमें किशनगढ़ एयरपोर्ट ओर सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रमुख हैं। पायलट के कामों और जनता से सीधे जुड़ाव के चलते आज भी अजमेर की जनता उनको नहीं भुला पाई है।

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