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बीकानेर,छतरगढ़ शिकार प्रकरण की वार्ता विफल के बाद बीकानेर कलेक्ट्रेट के ऊपर अनिश्चितकालीन धरने को लेकर पैदल मार्च जारी 11:00 बजे तक हम गंगानगर जैसलमेर बाईपास पर पहुंच रहे हैं मूक प्राणियों की आवाज को बुलंद करने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधार कर वन्यजीव प्रेमियों का हौसला बढ़ाएं हमारी मांग इस प्रकार है
1नंबर वन महाजन फील्ड फायरिंग रेंज भारतीय सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में हथियारों से लैस होकर शिकारियों ने हिरण का शिकार किया उस फील्ड फायरिंग रेंज में आयुध के कबाड़ इकट्ठा करने वाले ठेकेदार का ड्राइवर ने बंदूक के फायर के ऊपर अपनी गाड़ी से पीछा कर एक मोटरसाइकिल पर तीन शिकारियों को ललकारा शिकारी की मोटरसाइकिल गिरने से वह भागने मेंअसफल रहा दो शिकारी बंदूक लेकर हमारे कार्यकर्ता पर दो फायर करते हुए भाग गए शिकारी से मौके पर 21 कारतूस देसी बम एक मृत हिरण बरामद कर वन विभाग को सुपुर्द किया वन विभाग ने हमारे कार्यकर्ता द्वारा दिए गए बयान में लिखित सूचना को वह मौका रिपोर्ट पद पर ना हस्ताक्षर करवाए ना उनको गवाह बनाया गया घटना को 2 महीने बीत जाने के बाद भी दोनों मुलजिम आज भी फरार है हिरण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बोर्ड ने बताया कि हिरण की मौत तीन गोलियां लगने से हुई है मौके पर 21 कारतूस बरामद किए गए अब तक शिकारियों के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत वन विभाग ने पुलिस में मुकदमा दर्ज नहीं करवाया ना ही अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत करवाया इसलिए हमारी मांग है कि वन विभाग के रेंजर व डीएफओ दोनों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस मामले को रफा-दफा करने के लिए 2 महीने से लगातार कार्यकर्ताओं को झूठी सूचनाएं दे रहे हैं इसलिए इनको सस्पेंड किया जाए

2नंबर दो घटना के तुरंत बाद हमारे कार्यकर्ता ने छतरगढ़ थाना जाकर एसएचओ को लिखित सूचना दी कि शिकारियों ने अपने बंदूक से हमारे ऊपर दो फायर किए हैं हमने जैसे तैसे जान बचाई है उनके विरुद्ध आर्म्स एक्ट सहित 307 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए तो छतरगढ़ थाना अधिकारी ने यह कहते हुए टरका दिया कि हमारा यह क्षेत्र अधिकार नहीं है आप महाजन जाए दूसरी ओर शिकारियों की तरफ से एक एप्लीकेशन लेकर सेम घटना का मुकदमा छतरगढ़ में जातिसूचक गाली देना और 3 sc-st का दर्ज करवा दिया है इसको लेकर हमारे कार्यकर्ताओं पर लगातार गिरफ्तारी का प्रेशर बनाया जा रहा है शिकारी को हम जानते नहीं कि वह किस जाति का था तो हमने गालियां कैसे दी और छतरगढ़ घटना में गाली और गोली एक ही स्थान से चली फिर हमारा मुकदमा महाजन में करवाना और शिकारियों का मुकदमा छतरगढ़ में करवाने के पीछे क्या मंशा थी हम चाहते हैं कि छतरगढ़ थाना अधिकारी को भी सस्पेंड किया जाए
3नंबर 3 हमारी मांग है कि इस पूरे प्रकरण में भारतीय सेना की अनाधिकृत एरिया में हथियारों से लैस होकर कोई शिकारी कैसे प्रवेश किया उसके पास बड़ी मात्रा में कारतूस वह देसी बम मिले हैं ऐसे में एसडीएम छतरगढ़ पुलिस छतरगढ़ आईबी बीकानेर इंटेलिजेंस बॉर्डर सिक्योरिटी और जिला कलेक्टर और एसपी बीकानेर ने केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय को इसकी सूचना क्यों नहीं दी और गृह मंत्रालय और सेना ने अब तक इस पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू क्यों नहीं की इन तीन मुख्य मांगों को लेकर हम चाहते हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं पर 3scst के झूठे मुकदमे वापस हो हिरण शिकार के वांछित दोनों मुलजिम गिरफ्तार हो डीएफओ रेंजर और थाना अधिकारी छतरगढ़ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए इनकी विभागीय जांच भी खोली जाए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बॉर्डर एरिया में सुरक्षा की चूक पर मुकदमा दर्ज कर छतरगढ़ प्रशासन की भूमिका की जांच की जाए हम चाहते हैं कि तीनों शिकारियों के मोबाइल नंबर की टावर लोकेशन वह उनसे हुई वार्ता की पिछले 4 माह की डिटेल निकलवा कर जांच में सम्मिलित की जावे उपरोक्त मांगों को लेकर प्रशासन से पहले दौर की वार्ता विफल होने के बाद सभी वन्यजीव प्रेमी और 36 कौम के लोग पैदल मार्च करके बीकानेर कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं हमारी जायज मांगों के लिए प्रशासन बीकानेर व जनप्रतिनिधि सक्रिय रूप से आगे आकर हमें न्याय दिलाएं

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