बीकानेर,राजस्थान में अभी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन खत्म ही हुआ था की अब स्कूल के कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन। दरअसल, राज्यभर के दस हजार से ज्यादा स्कूल्स को पिछले साल फ्री एडमिशन वाले एक लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स की फीस अब तक नहीं मिली है।
बता दें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 26 अप्रैल को बीकानेर में होने वाली राजनीतिक सभा के रंग में भंग डालने के लिए प्राइवेट स्कूल्स के टीचर्स लामबंद हो रहे हैं। वहीं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की लापरवाही के चलते ये परेशान प्राइवेट स्कूल्स के संचालक अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष विरोध प्रदर्श करेंगे।
इस वजह से हो रहा है प्रदर्शन
अब मीडिया प्रभारी ने बताया की शिक्षा सत्र 2022- 23 में निशुल्क पढ़ाए गये। विद्यार्थियों के बिल विभाग द्वारा बनाकर ट्रेजरी को भेज दिए गए है। ट्रेजरी ने पास करके जयपुर फाइनेंस डिपार्टमेंट को 25 मार्च से पहले ईसीएस के लिए भेज दिए गए है। फाइनेंस डिपार्टमेंट ने अब तक ईसीएस नहीं किया है। इस वजह से स्कूलों को भुगतान नहीं हो रहा है। ये भुगतान 31 मार्च से पहले हो जाना चाहिए था। संपूर्ण शिक्षा सत्र बीत चुका है। इसलिए दोनों किस्तों का भुगतान एक साथ होना चाहिए। शिक्षा सत्र 2018-19 व 2019-20 का प्रदेश के हजारों स्कूलों का भूगतान तिथि का बैरियर लगाकर रोका हुआ है। वहीं शिक्षा सत्र 2020-21 का ऑफलाइन के नाम पर भुगतान रोका हुआ है।
इन प्रदेश में विरोध की शुरूआत
सीएम गहलोत 26 अप्रैल को बीकानेर के जसरासर में किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे हैं। इसी दौरान बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू के प्राइवेट स्कूल संचालक एकत्र होंगे। ये सभी लोग जनता के बीच में रहेंगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध करेंगे। वहीं संगठन का उद्देश्य मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करना रहेगा।