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बीकानेर,अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर द्वारा राज्य स्तरीय समारोह में ‘वृद्ध कल्याण, कला / साहित्य / सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं हेतु प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। प्रसिद्द वास्तुविद, भारतीय गुरुकुल परम्परा के संचालन एवं समाज सेवा में अग्रणी रहने वाले व्यक्तित्व कृष्णकुमार शर्मा को राष्ट्रीय समता समरसता अवार्ड अर्पित किया गया। अगले ही दिन दिल्ली के राजघाट पर राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच द्वारा अहिंसा समरसता अवार्ड प्राप्त कर बीकानेर लौटने पर शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान और साहित्य परिषद् के कार्यकर्ताओं ने व्यास कॉलोनी स्थित शर्माजी के घर पहुंचकर पुष्पमालाएं पहनाकर, शोल, अपर्णा ओढाकर सम्मान किया गया। सम्मान कार्यक्रम में बोलते हुए कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि सामाजिक – सांस्कृतिक सेवा में परिपूर्ण वास्तुशिल्पी, इंजी. कृष्णकुमार शर्मा ने अपने ज्ञान से सबको लाभान्वित किया है जिससे बीकानेर का गौरव बढ़ा है। साहित्य परिषद् बीकानेर के अध्यक्ष डॉ.अखिलानंद पाठक ने शर्मा के व्यक्तित्व-कृतित्व को विस्तार से बताते हुए यथार्थ गीता की प्रति भेंट की। सचिव जितेन्द्रसिंह राठौड़ ने गुरुकुल व्यवस्था पर शर्माजी के योगदान को रेखांकित किया। पार्षद सुधा आचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भ्राता के सम्मान से नगरवासी प्रफुल्लित हैं। भविष्य में भी उनके ज्ञान की गंगा से समाज लाभान्वित होता रहे यही कामना करती हूँ। विनोद ओझा, चंदन तलरेजा ने भी अपने विचार रखे। बीकानेर में अपने घर पर हुए सम्मान से अभिभूत होकर कृष्णकुमार शर्मा ने कहा मेरे अपनों के हाथों मेरा इतना भव्य सम्मान होने से मुझे नई ऊर्जा मिली है। नगरवासियों के द्वारा मिले प्रेम-भाईचारे का मै ऋण कैसे चुका पाऊंगा। सभी के प्रति आभार समाजसेवी आर.के,भटनागर ने ज्ञापित किया।

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