बीकानेर,हिंदू पंचाग के अनुसार भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है.भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद और गोवर्धन पूजा के ठीक अगले दिन मनाया जाता है. इस पर्व के साथ ही पांच दिन के दीपोत्सव का समापन हो जाता है. भैया दूज का पर्व 26 अक्तूबर को है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के बाद पहले दिन पड़ने वाला यह भैयादूज का संयोग 50 सालों के बाद आ रहा है. ऐसे संयोग के कारण भाई-बहन में प्रेम बढ़ेगा. इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन है.कुछ लोग 26 अक्टूबर को तो कुछ लोग 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाने की बात कह रहे हैं. भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त
26 अक्टूबर को भाई दूज मनाने के लिए शुभ मुहूर्त
दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक
27 अक्टूबर को भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त
सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक.
कैसे करें तिलक
भाई दूज के मौके पर स्नान कर नए वस्त्र पहन कर शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक करें. तिलक के लिए आरती की थाली को अच्छे से सजाएं. थाली में दीपक ,रोली अक्षत, पुष्प, मिठाई रखें. भाई को एक छोटी सी चौकी पर बैठने को कहे और आरती की थाल लेकर उनकी आरती करें उसके बाद उन्हें तिलक लगाकर मिठाई खिलाएं.
तिलक का महत्व
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.भाई दूज के दिन भाई -बहन के प्यार का प्रतीक इस त्योहार पर भाई ,बहन के पास टीका करवाने जाते हैं. भाई दूज के मौके पर मैंने अपने भाई की आरती उतार कर उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं.Bikaner24X7न्यूज़ इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.