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दिल्ली,यह दिल दहला देने वाली घटना देश की राजधानी दिल्ली के महरौली थाना इलाके की है। जहां पुलिस ने करीब 6 महीने पुराने एक हत्याकांड का खुलासा किया है। खुद पुलिस को जब आफताब के वहशीपन, पागलपन, निर्दयता की कहानी पता चली तो पुलिस तक की रूह कांप उठी।

मिली जानकारी के मुताबिक आफताब और श्रद्धा नाम की युवती की दोस्ती मुंबई में एक काॅल सेंटर में हुई थी। दोनों यहीं काम करते थे। यहीं से दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदली। आफताब ने श्रद्धा को प्यार और शादी के नाम पर इतने सपने दिखाए कि श्रद्धा अपने परिवार तक को छोड़ उससे पागलपन की हद तक प्यार करने लगी। और जब इसका परिजनों ने विरोध किया तो दोनों मुंबई से भागकर दिल्ली आ गए। श्रद्धा शुरू में अपने पिता के साथ संस्कृति अपार्टमेंट में रहती थी, पर बाद में पिता को छोड़कर वसई के दिवान होम में रहने वाले लड़के आफताब के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगीं। यहां से दोनो नायगांव में शिफ्ट हो गए।हालांकि इस बात की जानकारी उसके दोस्त क्लासमेट लक्ष्मण नाडर को थी। नाडर उसका क्लासमेट भी था फिर कुछ समय से नाडर के टच में भी नहीं थीं। ऐसे में श्रद्धा की कोई खोज खबर तक लगना बंद हो गई। पहले परिवार वाले भी श्रद्धा के सोशल मीडिया के जरिए उसकी एक्टिविटी पर नजर रख रहे थे। लेकिन जब काफी दिनों तक सोशल मीडिया पर श्रद्धा के अपडेट आना बंद हो गए तो लड़की के पिता दिल्ली में पहुंचे और बेटी के नहीं मिलने पर दिल्ली पुलिस को शिकायत दी। गुमशुदगी की शिकायंत पर पुलिस भी एक्टिव हुई।

शिकायत में श्रद्धा के पिता ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी मुंबई के कॉल सेंटर में काम करती थी, जहां उसकी मुलाकात आफताब नाम के एक शख्स से हुई। इसके बाद दोनों की दोस्ती काफी नजदीकी में तब्दील हो गई और दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। लेकिन परिवार वाले इस बात से खुश नहीं थे। जिसका विरोध दोनों ने किया। जिसके बाद दोनों बेटी और आफताब मुंबई छोड़कर दिल्ली आ गए और यहां पर छतरपुर इलाके में रहने लगे। इस शिकायत पर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आफताब की तलाशी शुरू की। और उसको धर दबोचा गया।पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि श्रद्धा उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जिसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़ा होना शुरू हो गया था। इसके बाद उसने मई के महीने में बेरहमी से उसकी हत्या कर डाली और शव के टुकड़े कर अलग अलग जगह पर जंगल में फेंक दिए। आफताब श्रद्धा से नफरत करने लगा था। पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपी आफताब ने श्रद्धा के शव के करीब 35 टुकड़े किये थे। जिसे ठिकाने लगाने के लिए एक फ्रीज़ खरीदकर लाया और उसमें रख दिया। करीब 18 दिन तक इन लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाया और महरौली के जंगलों में फैंकता रहा। इस काम के लिए वो देर रात को ही निकलता था। इतना ही नहीं शव में से बदबू ना आए इसलिए रोज बड़ी संख्या में अगरबत्तियां भी लगाता था। पुलिस ने पूरी घटना बताई तो सुनने वालों के भी रोंगटे खड़े हो गए और खुद पुलिस तक सकते में आ गई। बताया गया कि 18 मई को किसी बात पर दोनों में झगड़ा हुआ तो आफताब अमीन पूनावाला ने गला घोंटकर श्रद्धा की हत्या कर दी। फिर लाश को टुकड़ों में करके ठिकाने लगाया।

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