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जयपुर में महिला एसीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी मामले में पकड़े एडवोकेट गोवर्धन सिंह पर पुलिस टीमों की कार्रवाई जारी है। पुलिस की एक टीम ने रविवार शाम सी-स्कीम स्थित उसके ऑफिस पर कार्रवाई की। ऑफिस से कई अहम जानकारी मिली है। कई संदिग्ध डॉक्यूमेंट मिलने पर ऑफिस को सीज किया गया है। इससे पहले भी पुलिस टीम ऑफिस में सर्च करके मिले कम्प्यूटर, सीपीयू, मोबाइल और कुछ डॉक्यूमेंट को जब्त कर चुकी है।महिला एसीपी डॉ. संध्या यादव के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार आरोपी एडवोकेट गोवर्धन सिंह 4 मई तक पुलिस रिमांड पर चल रहा है। जयपुर पुलिस की शिकायत पर बीकानेर कलेक्टर ने गोवर्धन सिंह का हथियार लाइसेंस भी निरस्त दिया है। बार एसोसिएशन की ओर से एडवोकेट गोवर्धन सिंह और उसके एक साथी की सदस्यता रद्द कर दी है। पुलिस की जांच में पता चला है कि गोवर्धन सिंह के एक दर्जन से अधिक बैंक अकाउंट है। कुछ साल पहले जिनमें 23.59 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन होना सामने आया है। हालांकि, वर्तमान में गोवर्धन सिंह के 4 बैंक अकाउंट है। बैंकों से गोवर्धन सिंह के संबंधित अकाउंट का स्टेटमेंट मांगा गया है।

ये था मामला

गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी के बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बताया कि 3 अप्रैल 2020 को लोक डाउन के दौरान एडवोकेट गोवर्धन सिंह की कार को खासा कोठी सर्किल के पास तत्कालीन एसीपी सदर डॉ. संध्या यादव ने रोका था। लोकडाउन में बिना अनुमति के कार लेकर घूमने पर रोक को लेकर रोका। एडवोकेट गोवर्धन सिंह इस बात को लेकर एसीपी डॉ. संध्या यादव से उलझ गया। इसके बाद संध्या यादव ने सदर थाने में एडवोकेट गोवर्धन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। एसीपी संध्या यादव ने आरोप लगाया कि एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने उन्हें आपत्तिजनक तरीके से देखते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उसके साथ ही देख लेने की धमकी दी। आरोप ये भी था कि एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर महिला गरिमा के विरुद्ध आपत्तिजनक और व्यक्तिगत टिप्पणियां करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। अलग-अलग दिन सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट डालकर वायरल की गई।

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