
बीकानेर,राष्ट्रीय कवि चौपाल की 511 वीं कड़ी अंबेडकर जयंती यानी संविधान को समर्पित रही, आज की विशिष्ट विधिक कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सरदार अली परिहार मुख्य अतिथि में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री विवेक शर्मा,विशिष्ट अतिथि में बार एसोसिएशन के पुर्व अध्यक्ष श्री संत नाथ जी राजपाल राठोड़, श्री श्रवण जी जनागल, श्री इसरार हसन कादरी जी, सुश्री मनीषा जसमतिया, शिवम् उपाध्याय आदि मंच सुशोभित हुए, रामेश्वर साधक ने ईश वंदना से कार्यक्रम शुभारम्भ किया
कार्यक्रम अध्यक्ष सरदार अली परिहार ने कहा मानवता की इस दुनिया में पग पग फूल खिलाने है.. मुख्य अतिथि विवेक शर्मा ने बताया कि संविधान हमारी आत्मा है बिना इसके मानव जीवन असंभव है विशिष्ट अतिथि स़ंतनाथ ने बताया संविधान ही हमारा संरक्षण संविधान ही हमारी खुली श्वास… विशिष्ट अतिथि श्रवण जनागल ने बताया संविधान मां की तरह पौषक है हमारा.. इसरार हसन कादरी ने बताया भारतीय संविधान उद्देशिका हमें सर्व संरक्षित कर जीवन आनन्द बढाती है… सुश्री मनीषा जसमतिया ने बताया कि नव पीढ़ी को स्वर्ण आभूषण से नहीं संस्कार संविधान आभूषण से सुशोभित करें… शिवम उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय कवि चौपाल से साहित्य नवांकुर वट वृक्ष का सफर तय करने की उर्जा देता है
रामेश्वर साधक ने माता वैरी पिता जैरी जो सुखी देखना चाहते संतान… हनुमंत गौड ने ये हमारा खून पानी है तो पानी लिख लीजिए, मान राय अमीरों की कहानी लिख लीजिए… कैलाश टाक ने तुम नारी हो कैसे जीती हो, कतरा कतरा विष घूंट पीती हो..भानुप्रताप सिंह चारण ने प्रेतात्मा ने इतने किये अपराध चित्रगुप्त भी न रख सके हिसाब… शिवप्रकाश दाधीच ने ले मौत मैं तो अपनी जिंदगी तेरे नाम किये देता हूं रचना सुनाकर साहित्य सभा में वाह वाह बटोरी
बाबू बमचकरी ने जीवन की सुनी बगिया में फिर नया फूल खिलेगा.. गया सो गया परवाह नही कम से कम कवि तो नही मिलेगा,… राजकुमार ग्रोवर ने मर्यादा का पाठ पढ़ाया निषाद सुग्रीव विभीषण को गले लगाया .. सिराजुद्दीन भुट्टा ने ऐ खुदा बुढापा ऐसा देना कि तन की सुगर बी पी ना बढ़ेपवन चड्ढ़ा ने ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम पवन कौशिक ने सोने में सुगंध और काठ में न धुम्र चाहत थी रावण की शिव प्रकाश शर्मा ने सृष्टि व राजा के नियम का पालन करना ..धर्मेंद्र राठौड़ ने सदा संग सांवरिया भक्तों को प्रिय सांवरिया …कैलाश दान चारण एक दार्शनिक भजन गाकर सदन को आध्यात्म बना दिया
आज कार्यक्रम में भवानी सिंह चारण, परमेश्वर सोनी, रविन्द्र,नाथू, आदि साहित्यानुरागी उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन बाबू बमचकरी किया आभार साधक ने किया