बीकानेर पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा राज्य सरकार के द्वारा गोचर , औरण के कब्जाधारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के खिलाफ बेमियादी धरना 39 वें दिन भी जारी रहा । बज्जू में गौ वंश के साथ लगातार हो रहे अत्याचार पर गौ भक्तों में सरकार व प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है । इस घटना के बाद से धरने को समर्थन देने के लिए गांव ढाणी से आने वालों का हुजुम लगा हुआ है व विभिन्न समाजों व संस्थाओं का समर्थन मिल रहा है ।
आज धरना स्थल पर देहली से आये राष्ट्रीय धर्म संसद के संयोजक गोस्वामी सुशील शर्मा अपने अनुयायियों के साथ धरना स्थल पर पहुंचकर भाटी को समर्थन दिया ।
गीतासार व गौ कथा का वाचन बालसंत श्री बिहारी जी ने किया । ग्रामीण भाटी से गौ वंश पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठवाने का आग्रह कर रहे है । उधर गौचर दीवार निर्माण के लिए भामाशाहों द्वारा सहयोग किया जा रहा है ।
आज श्याम सोनी ने 21 हजार रुपये , प्रेमसिंह खींची उदयरामसर ने 41 सौ रुपये , सुशीला देवी पत्नि माणकलाल सेवग बरसलपुर एक हजार के अलावा धर्म परायण महिला एवं पुरुषों द्वारा दीवार निर्माण के लिए गुप्त राशि भेंट की ।
आज धरना स्थल को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कि बज्जू में गौ वंश के साथ पैशाचिक कृत्य लगातार हो रहे है । ऐसी सरकार व उसके नुमाइंदों के कारण गौ वंश कष्ट पा रहा है । सरकार में बैठे लोगों ने यह मान रखा है कि गौ वंश के तो वोट लगते नहीं उनपर चाहे जितने अत्याचार होने दे लेकिन ऐसा सोचने वाले ये भूल जाते हैं कि अत्याचारियों से ज्यादा संख्या बल में गौ भक्त है जो समय आने पर इन अत्याचारियों को जवाब देंगें ।
भाटी ने कहा ऐसे लोगों को प्रशासन पकड़ने में नाकाम रहा है यह सरकार की विफलता दर्शाता है । सरकार के नुमाइंदों के संरक्षण के कारण ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हो रही है । गौ भक्तों में ऐसी घटनाओं को लेकर जबर्दस्त रोष है । उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए । भाटी ने कहा कि प्रशासन बारूद की खोज के लिए क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाये व दोषियों को उनके सही ठिकाने पर पहुंचाये । उन्होंने गौ भक्तों से कहा कि इस प्रकरण में मुखबिर का कार्य कर प्रशासन का सहयोग करें जिससे ऐसी कृत्यों की पुनरावृति ना हो ।
भाटी प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि आज धरना स्थल पर गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय धर्म संसद के संयोजक गोस्वामी सुशील शर्मा ने कहा कि भाटी जिस उद्देश्य को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिये बैठे है में उनकी सराहना करते हुए अपना पूरा समर्थन देने देहली से यहां आया हूँ । देहली में गौ भक्तों में राजस्थान सरकार के इस आदेश से जबर्दस्त रोष है । सरकार अपनों को उपकृत करने के लिए गायों की भूमि पर नजर गड़ायी हुयी है । भारत की सर्वोच्य न्यायालय ने इस पर रोक लगा रखी है वही हाल ही में राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी रोक लगायी इसके बावजूद भी सरकार अपना आदेश निरस्त करने में हिचकिचा रही है ये हिचकिचाहट सरकार को बहुत महंगी पड़ेगी ।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार समय रहते नहीं चेतती है तो मैं संतों को लेकर भाटी के समर्थन में जयपुर व जोधपुर में धरने पर बैठुंगा । इस अवसर पर पूर्व में गोचर पर आये संकट के समय साहित्यकार स्व . सूरजसिंह पंवार ने गौ भक्त देवी सिंह भाटी से मेरी मुलाकात करायी ।
बांठिया ने बताया कि गोचर धाम में चल रही गौ कथा में आज मुख्य यजमान का दायित्व संतोष देवी – मनोज कुमार बिन्नाणी दम्पति ने निभाया । आज कथा में पांचवे दिन बालसंत ने कहा जीवात्मा अपने आहार व विचार की शुद्धता से ही निरोगी काया को संतुलित रख सकता है । अगर आपका आहार संतुलित है तो आपके विचार शुद्ध हो जायेगें ।
बालसंत जी ने काम , क्रोध , मद , मोह , लोभ , राग व द्वेष जैसे विकारों की विस्तृत व्याख्या की । भाटी को विभिन्न समाजों व संस्थाओं का समर्थन मिल रहा है आज राष्ट्रीय हिन्दू स्वाभिमान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्धार्थ शर्मा ने भाटी के धरने को समर्थन पत्र में संघ की प्रदेश इकायी के मुखिया रामेश्वर जाट के माध्यम से इस आन्दोलन को हर सम्भव समर्थन का ऐलान किया वही अखिल भारतीय बड़गूजर ‘ ‘ राघव ” राजपूत सभा के सचिव महेश सिंह बड़गूजर व कोषाध्यक्ष भीखसिंह बड़गूजर अपने पचासों कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पहुंचे व भाटी को समर्थन दिया ।
आज धरना स्थल पर राष्ट्रीय धर्म संसद के संयोजक गोस्वामी सुशील शर्मा का रामकिशन आचार्य पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा , युवा नेता अंशुमानसिंह भाटी , समाजसेवी देवकिशन चांडक , ब्रजरतन किराडू ने अभिनन्दन किया ।
आज धरना स्थल पर मुख्य रूप से लिखमाराम पूर्व सरपंच राववाला , गायड़ खां अमरूराम नायक राववाला , भंवरी देवी भील पूर्व सरपंच गिराजसर , सवाईदान भाणेका गांव , करणीसिंह उदट,गिरिराज ओझा (दादा) के अलावा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से पुरुष व महिलओं के जत्थे भाटी को समर्थन देने पहुंचे ।