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बीकानेर,राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, बीकानेर में साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के शुभारंभ के अवसर पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विषय विशेषज्ञ विशाल जांगिड़ (भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी) ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के संगोष्ठी कक्ष में किया गया, जहाँ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों की उपस्थिति रही।
विशेषज्ञ विशाल जांगिड़ ने साइबर अपराध के विभिन्न प्रकारों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि आजकल धोखाधड़ी के नए-नए तरीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिनमें एसएमएस, कॉल और ईमेल के माध्यम से होने वाले फ्रॉड प्रमुख हैं। इसके अलावा, कॉल फॉरवर्डिंग के जरिए ओटीपी साझा करने जैसी तकनीकें भी अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही हैं, जो लोगों की निजी जानकारी तक पहुँच प्राप्त करने का आसान जरिया बन रही हैं। डिजिटल गिरफ्तारी और सेक्सटॉर्शन जैसे गंभीर साइबर अपराधों के उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए, जो आजकल आम होते जा रहे हैं। विशेषज्ञ ने टास्क-आधारित फ्रॉड और निवेश धोखाधड़ी, विशेषकर नकली निवेश ऐप्स के बढ़ते खतरों पर भी आगाह किया। उन्होंने बताया कि लोग एपीके फाइल्स डाउनलोड करते समय सावधानी नहीं बरतते, जिससे उनके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है।
सुरक्षा उपायों के बारे में बात करते हुए विशाल जांगिड़ ने सलाह दी कि हमेशा विश्वसनीय और सुरक्षित वेबसाइटों का ही उपयोग करना चाहिए। यूआरएल एक्सपैंडर का उपयोग करके किसी वेबसाइट के वास्तविक पते को जानना महत्वपूर्ण है, ताकि फर्जी वेबसाइटों से बचा जा सके। उन्होंने विशेष रूप से जोर दिया कि कभी भी किसी को ओटीपी साझा न करें, चाहे कोई भी कारण हो, और कॉल फॉरवर्डिंग की अनुमति न दें, क्योंकि यह साइबर अपराधियों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन) को अपनाने पर जोर दिया गया, जो एक अतिरिक्त सुरक्षा परत प्रदान करता है और ऑनलाइन खातों को सुरक्षित रखता है।
सरकार की पहल के तहत उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) का उल्लेख किया, जहाँ नागरिक साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने 1930 नंबर पर कॉल करके तत्काल सहायता प्राप्त करने की जानकारी दी। I4C वेबसाइट और सीईआईआर पोर्टल जैसी सरकारी सेवाओं के बारे में बताया, जो साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी से संबंधित समस्याओं को हल करने में मददगार हैं। श्री जांगिड़ द्वारा बीकानेर प्रशासन की ओर से नशा मुक्त रहने एवं इससे सम्बंधित हेल्पलाइन पर सूचना देने की भी अपील की गयी |
प्राचार्य के. के. सुथार ने साइबर अपराध के प्रति शैक्षणिक जिम्मेदारी और संस्थान स्तर पर CISO (Chief Information Security Officer) की नियुक्ति को लेकर सरकार की पहल के बारे में बताया। उन्होंने मुख्य अतिथि आईपीएस विशाल जांगिड़ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उनके बहुमूल्य सुझावों की सराहना की। इस व्याख्यान ने छात्रों और संकाय सदस्यों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन में कॉलेज के कई प्रमुख संकाय सदस्यों ने सक्रिय सहयोग दिया, जिनमें विद्युत विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अरुण स्वामी, यांत्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष श्री एम. एस. गौड़, असिस्टेंट डायरेक्टर ट्रेनिंग डॉ. एल. सी. बिश्नोई, प्रथम वर्ष प्रभारी, कैप्टन एस. एल. राठी, एस. एल. प्रजापत, मंजू सुनिया, जुगल किशोर सेवग महेंद्र स्वामी, और सुरेश व्यास शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन कंप्यूटर विभाग के प्रवक्ता प्रशांत जोशी द्वारा किया गया, जो कार्यक्रम के समन्वयक भी रहे, श्री जोशी ने बताया की साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें साइबर सुरक्षा से संबंधित क्विज़, कार्यशालाएँ और प्रतियोगिताएँ शामिल हैं।

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