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बीकानेर.दीपावली पर जुआरियों में जुआ खेलने की सनक सिर चढ़कर बोलती है। गली-मोहल्लों से लेकर बाजार तक जुआरियों की चौपाल लग जाती है। इस बार भी यह खुमारी धनतेरस के साथ शनिवार को अपना रंग दिखाने लग गई। हालांकि कुछ जगहों पर शगुन के रूप में दाव खेले जाते हैं, लेकिन यह बड़ी रकम के नहीं होकर महज परम्परा से जोड़कर किए जाते हैं। जबकि जुआ के आदी लोग इससे इतर जुओं के अड्डों और ठिकानों पर जुटने शुरू हो गए हैं। पुलिस भी सूचना मिलने पर कार्रवाई के लिए तैयार है।

सब जानती है पुलिस

बुजुर्ग रमाशंकर प्रजापत बताते हैं कि शहर में जुआ कहां खेला जा रहा और कौन-कौने इनके पीछे है, यह किसी से छिपा नहीं है। पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं करती। पुलिस टालमटोल कर जुआरियों को बढ़ावा दे रही है।

शिकायत पर कार्रवाई

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बुड़ानिया का कहना है कि अगर किसी की शिकायत मिलती है, तो पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार है। वैसे इस बार पुलिस ने जुआ खेलने व खेलाने वालों की धरपकड़ के लिए एएसआइ सुभाष यादव के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित कर रखी है।

यह टीम पिछले तीन दिन से लगातार कार्रवाई कर रही है। तीन दिन में 70 जुआरियों को पकड़ कर 5 लाख 67 हजार रुपए जब्त किए जा चुके हैं।छोटे से बड़ा हर दांव

जुए से मिलते-जुलते दांव खेलने में छोटे से बड़े तक सभी शामिल होते हैं। आमतौर पर नंबर पर लोग दांव लगाते हैं। एक चौकी लगाकर उस पर दस रुपए से पांच सौ रुपए तक के दाव खेलते हैं। दस मिनट के खेल में हजारों रुपए इधर से उधर हो जाते हैं।

शहर के अंदरूनी क्षेत्र में दीपावली पर खुले आम जुआ खेला जाता है। बीते चार-पांच सालों में मुख्य चौकों पर जुए की महफिल नहीं सजती। शहर में बड़ा बाजार, बिन्नाणी चौक, चाय पट्टी सहित अन्य जगहों पर जुआरियों का जमघट लगा देखा जा सकता है। आदतन जुआरियों के साथ ही सैकड़ों युवा जुआ खेल रहे हैं। जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, रामपुरा हस्ती, सुजानदेसर, गंगाशहर, श्रीरामसर, भीनासर, किश्मीदेसर, सुभाषपुरा, पुरानी गिन्नाणी समेत कई जगहों पर जुआ दीपावली के तीन दिन जमकर चलता है।

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