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बीकानेर,आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी, बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर आदिठाणा, साध्वीश्री चन्द्रप्रभा की शिष्या साध्वीश्री चिद्यशा आदि ठाणा नाल गांव में दादाबाड़ी के पास स्थित भगवान मुनिव्रत स्वामी के प्राचीन मंदिर की मूर्तियों को नए मंदिर में स्थापित करवाकर सोमवार को बीकानेर पहुंच गए।
आचार्यश्री के सान्निध्य में साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी की गुणनुवाद सभा व अंतराय कर्म पूजा रविवार को सुबह नौ बजे रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में होगी। आचार्यश्री के सान्निध्य में बुधवार को पांचू गांव में प्राचीन मंदिर के जीर्णोंद्धार का शिलान्यास होगा। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ व मनीष नाहटा ने बताया कि बीकानेर से विशेष बस में श्रावक-श्राविकाएं बुधवार 10 जुलाई को पांचू जाएंगे। तीन मुनि पद विहार करते हुए रविवार को ही पांचू गांव पहुंच गए।
मुनिश्री सम्यक रत्न सागर ने बताया कि जैन धर्म के चौथे तीर्थंकर भगवान अभिनंदन नाथ जिन्हें अभिनंदन स्वामी के नाम से जाना जाता है। अयोध्या में जन्मे अभिनंदन नाथ जी की माता सिद्धार्था देवी व पिता राजा संवर थे। इनका वर्ण सुवर्ण व लांछन चिन्ह बंदर था। इनके यक्ष का नाम यक्षेश्वर व यक्षिणी का नाम व्रज श्रृंखला था । भगवान अभिनंदन स्वामी ने अपने पिता की आज्ञा अनुसार राज्य का शासन किया लेकिन उनका सांसारिक जीवन से मोह भंग हो गया तथा साधना करते हुए तीर्थंकर बन गए। पांचू में उनका 6 शताब्दी प्राचीन मंदिर है जो जीर्ण क्षीण हो गया। गांव के श्रावक-श्राविकाओं ने अनेक बार मंदिर के जीर्णोद्धार की विनती को स्वीकार करते हुए आचार्य श्री ने मंदिर के जीर्णोद्धार की स्वीकृति प्रदान की है।
आचार्य श्री का मार्ग में अनेक स्थानों पर वंदन अभिनंदन
आचार्यश्री व मुनिवृंद का नाल से बीकानेर पहुंचने पर रास्ते में अनेक स्थानों पर वंदन अभिनंदन किया। विश्वकर्मा गेट के बाहर वाल्मीकि बस्ती में नियमित नवकार महामंत्र का जाप करने वाली महिला को आशीर्वाद दिया। उन्होंने नवंकार महामंत्र की विशिष्टताओं से अवगत करवाया तथा हमेशा जाप करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने दम्माणी चौक के ऐतिहासिक छतरी वाले पाटे, देवी उपासक दैया महाराज व्यास के साधना-आराधना के बारे में जानकारी ली तथा आसानियों के चौक के जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ के भगवान महावीर स्वामी, तपागच्छ के पद्म प्रभु मंदिर, नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में जिनालय व क्षमा कल्याणजी महाराज की प्रतिमा के दर्शन वंदन करते हुए ढढ्ढा चौक पहुंचे। ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन में मुनिवृंद ने आचार्यश्री, मुनिवृंद का स्वागत वंदन किया।

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