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शांतिनिकेतन, गंगाशहर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का 62 वां जन्मदिवस शांतिनिकेतन में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर सेवा केंद्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वी श्री शशिरेखा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के जीवन का हर क्षण रोशनी से भरा हुआ है। जिनके जीवन का हर दिन मैनेजमेंट का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। हर माह सृजन की नई कहानी है। ऐसे आज्ञानिष्ठ, संयमनिष्ठ श्रद्धानिष्ठआचार्य का एक नाम है- आचार्य महाश्रमण। साध्वी श्री ललितकलाजी ने आचार्य श्री महाश्रमण जी की जीवन यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि मोहन से मुदित और मुदित से महाश्रमण बनने के लिए ना जाने आपको कितनी बार अनुशासन रूपी अग्नि में तपना पड़ा, तब कहीं जाकर आज हम सबके शिरमौर बने। साध्वीश्री रोहित प्रभा जी, शीतल यशाजी, मृदुला कुमारी जी, योग प्रभा जी, मंजुलाश्री जी समृद्धि प्रभा जी आदि ने अपनी अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री द्वारा उच्चारित महामंत्र नवकार से हुआ। तेरापंथी सभा के सह मंत्री पवन छाजेड़, महिला मंडल उपाध्यक्ष संजु लालाणी, तेरापंथ युवक परिषद मंत्री भरत गोलछा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा ने गुरुदेव के प्रति अपने उद्गारों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन रोहित बैद ने किया।

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