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गारबदेसर से अपनी धवल सेना के साथ विहार कर कालू पहुंचे आचार्य महाश्रमण सीधे धर्म संघ साध्वी उज्जवल रेखा के सिंघाडे की सबसे सुदीर्घ् जीवी साध्वी 104 वर्षीय बिदामा को दर्शन देने तेरापंथ भवन पहुंचे व स्वास्थ्य सबंधी जानकारी ली।

तेरापंथ ओसवाल भवन के युगप्रधान समवशरण में आचार्य महाश्रमण ने कहा जन्म और म्रत्यु का अटूट सिध्दांत हैं । जन्म मरण कर्म वाद पर चलता है कर्म वाद का सिध्दांत आत्मवाद से जुड़ा है आत्मा स्थायी है किसी भी जन्म में किया हुवे कर्मो का फल किसी भी जीवन में भोगना पड़ सकता है । मनुष्य को अपने जीवन मे ज्ञान दर्शन चारित्र की आराधना कर आत्मा को उज्ववल बनाना चाहिए ।कालू आगमन पर थानाधिकारी रजीराम ने उनका हार्दिक अभिनंदन किया । इस दौरान आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के नगराज बिरमेचा, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा अध्य्क्ष शुशील बिरमेचा , युवल परिषद अध्य्क्ष हनुमान बोथरा, महिला मंडल पुष्पा सांड इत्यादि ने अपने भांवों के माध्यम से गुरु के चरणों मे अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी । देश के विभिन्न भागों से लोग दर्शनार्थ पहुंचे । लूणकरणसर से भी प्रवास व्यवस्था समिति अध्य्क्ष हंसराज बरडिया, संतोष भूरा, अनिल भूरा , बाबूलाल दुगड़, उम्मेद मल बोथरा, प्रदीप बोथरा,सुमेर मल बैद, निर्मल दुगड़, प्रभुदयाल सारस्वत, तुलसी राम बुच्चा, सैंकड़ो की संख्या में लोगो ने दर्शन किये । ये जानकारी मीडिया प्रभारी श्रेयांस बैद ने दी ।

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