Trending Now












बीकानेर,पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश की धाक एवं ख्याति प किसी से छिपी नहीं है। सात समंदर पार तक के पावणे यहां की संस्कृति, पंरपरा व स्थापत्य कला को देखने एवं समझने आते हैं। निर्माण उद्योग क्षेत्र में भी प्रदेश अपनी पहचान बनाने की ओर निरंतर अग्रसर है। कहा जा सकता है कि पर्यटन एवं निर्माण उद्योग क्षेत्र में यहां व्यापक संभावनाएं हैं। ऐसे में अगर रेल सेवाओं में वांछित सुधार हो जाए तो निस्संदेह प्रदेश के विकास को पंख लगेंगे।

प्रदेश में विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के जिलों ने पर्यटन एवं निर्माण उद्योग में जिस गति से अपनी पहचान बनाई है, उसके अनुपात में रेल सेवाओं का विस्तार नहीं हुआ। प्रदेश में पश्चिमी जिले आज भी रेलवे के डबल ट्रैक (रेल लाइन दोहरीकरण) को तरस रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं, देश में रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। रेल लाइन दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, पर इन दोनों को • राजस्थान परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी लगती है। अगर रेल लाइन विद्युतीकरण के फायदों की बात करें तो इससे डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण वे अधिक भार वहन कर सकेंगे। इससे अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा। ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी।

यह किसी से छिपा नहीं है कि इलेक्ट्रिक रेलगाड़ियों की रफ्तार परम्परागत रेलगाड़ियों की गति से अधिक होती है। सबसे खास बात यह है कि डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत भी होगी। रेल लाइन दोहरीकरण के फायदों की बात करें तो इससे माल ढुलाई के साथ ही यात्री परिवहन की व्यवस्था भी मजबूत होगी। उद्योगों के लिए रेल नेटवर्क का उपयोग आसान होगा। रेल परिवहन, सड़क परिवहन की तुलना में काफी किफायती है और पर्यावरण के हित में है। राजस्थान में रेल सेवा के विकास एवं विस्तार के लिए सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि रेल मंत्री पश्चिमी राजस्थान से ही आते हैं। वह यहां की परिस्थतियों, जरूरतों एवं संभावनाओं को बखूबी जानते भी हैं और समझते भी हैं। सेना और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इस दिशा में प्रगति निकट भविष्य में देखने को मिलेगी, यह उम्मीद की जा सकती है। प्रदेश में पर्यटन एवं निर्माण उद्योग भी विकास के नए आयाम गढ़ेगा।

Author