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बीकानेर,रीट-2021 परीक्षा में नकल प्रकरण से जुड़े एक आरोपी की शिकायत का सत्यापन करने पहुंची एसीबी टीम का रिकॉर्डर लेकर भागने का गंगाशहर एसएचओ पर आरोप लगा है। गंगाशहर सीआइ को वॉइस रिकॉर्डिंग होने एवं ट्रेप कराने का अंदेशा होने पर वह रिकॉर्डर लेकर थाने से गायब हो गए। थानेदार के रिकॉर्डर लेकर गायब होने की इत्तला पर एसीबी अधिकारी गंगाशहर थाने पहुंचे। थानेदार से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ रहा। एसीबी टीम ने उच्चाधिकारियों को इस बारे में सूचित किया। बाद में उच्च्चाधिकारियों के निर्देश पर गंगाशहर थाने में थानेदार राणीदान उज्ज्वल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने एसीबी प्रकरण के मद्देनजर प्रथमदृष्टया गंगाशहर सीआइ राणीदान उज्ज्वल, एएसआइ जगदीश व कांस्टेबल राजाराम को लाइन हाजिर कर दिया। मामले के उजागर होने के बाद से सीआइ उज्ज्वल व कांस्टेबल राजाराम दोनों गायब हो गए हैं।

पुलिस अधीक्षक योगेश यादव के अनुसार रीट-2021 परीक्षा नकल प्रकरण में दिल्ली निवासी सुरेन्द्र धारीवाल को गिरफ्तार किया गया था। वह हाल ही में जमानत पर छूटा था। जमानत पर छुटने के बाद उसने एसीबी में गंगाशहर सीआइ राणीदान उज्ज्वल के खिलाफ रीट मामले में बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया था। उसकी शिकायत का सत्यापन करने के लिए रविवार को जयपुर से एसीबी की टीम बीकानेर आई थी। परिवादी को रिकॉर्डर डिवाइस लेकर गंगाशहर थाने भेजा। इस दरम्यिान गंगाशहर सीआइ राणीदान उज्ज्वल को परिवादी पर शक हो गया। सीआइ पर आरोप है कि सीआइ परिवादी से रिकॉर्डर लेकर भाग गए। एसीबी ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

उच्चाधिकारियों को दी सूचना
एसीबी टीम ने उच्चाधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसीबी के कांस्टेबल इन्द्रसिंह की ओर से गंगाशहर थाने में मामला दर्ज कराया गया है।

एसीबी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप
जयपुर से एसीबी टीम के बीकानेर आने और पुलिस अधिकारी के डिवाइस लेकर गायब होने की सूचना से बीकानेर के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। हालात यह रहे कि अधिकारी इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते रहे लेकिन बाद में जब हकीकत सामने आई तो बयान देने से कतराते रहे।

एसीबी की चूक
एसीबी टीम ने परिवादी को सत्यापन के लिए भेजा था लेकिन उसे पूरी तरह ट्रेनिंग नहीं दी। नतीजन बातचीत के दौरान अधिकारी को उस पर शक हो गया। अधिकारी उससे वॉइस रिकॉर्डर मशीन ले ली, जिससे शिकायत का सत्यापन नहीं हो पाया। इस पूरे प्रकरण में मुख्य रूप से एसीबी टीम की ही चूक नजर आ रही है। एसीबी अधिकारी परिवादी को पूरी तरह ट्रेनिंग देकर भेजते तो कार्रवाई सफल होती विफल नहीं।

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