बीकानेर,चूरू जिले के सिद्धमुख थाने में छह साल पहले दर्ज मामले में मदद करने, जीप छोड़ने, महिलाओं के नाम मुकदमे से निकालने की एवज में रिश्वत लेने वाले आरोपी हैडकांस्टेबल को चार साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के न्यायाधीश पृथ्वीपाल सिंह ने मंगलवार को सुनाई। आदेश में 20 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक निदेशक अभियोजन शरद कुमार ओझा ने बताया कि झुंझ़ुनूं जिले के टोडरवास निवासी एवं चूरू जिले के सिद्धमुख थाना के तत्कालीन हैडकांस्टेबल गोविंद सिंह पुत्र आसुसिंह को रिश्वत के मामले में न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13 (2) में चार-चार साल की सजा और दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। न्यायालय में 18 गवाहों के बयान और 20 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
एसीबी में की थी शिकायतपरिवादी चूरू जिले के भटोड़ निवासी गुरदयाल पुत्र लोकराम जाट ने 30 दिसंबर, 2016 को चूरू एसीबी में हैडकांस्टेबल गोविंदसिंह के खिलाफ परिवाद दिया। उसने बताया कि 21 दिसंबर, 2016 की शाम को उसका धर्मवीर के साथ पानी की बारी को लेकर झगड़ा हो गया। 22 दिसंबर, 2016 को धर्मवीर ने सिद्धमुख थाने में उसके व उसके भाई चन्द्रभान, शंकरलाल व इनकी पत्नियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
50 हजार की मांग की, 30 हजार में सौदा हुआ
सहायक निदेशक अभियोजन ओझा के मुताबिक परिवादी का आरोप था कि उसके व भाइयों के खिलाफ सिद्धमुख थाने में दर्ज मामले में क्रॉस केस दर्ज करने एवं जब्त जीप को छोड़ने, भादंसं की धारा 458 हटाने एवं दोनों औरतों के मुकदमे से नाम निकालने की एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। 30 हजार में सौदा तय हुआ। परिवादी ने आरोपी हैडकांस्टेबल को 20 हजार रुपए पहले ही दे दिए थे। शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी चूरू की टीम ने 31 दिसंबर, 2016 को आरोपी हैडकांस्टेबल को थाने के सामने एक चाय की होटल से पकड़ा। उसके पास से रिश्वत में लिए नौ हजार 900 रुपए बरामद किए।
सौ रुपए लौटा दिए थे वापस
एसीबी की ओर से विशेष रसायन लगे रुपए देकर परिवादी को आरोपी हैडकांस्टेबल के पास भेजा। हैडकांस्टेबल ने नौ हजार 900 रुपए अपने पास रख लिए और 100 रुपए वापस परिवादी को दे दिए थे।एसीबी की टीम ने नौ हजार 900 रुपए आरोपी से और आरोपी की ओर से परिवादी को वापस दिए गए 100 रुपए भी एसीबी ने जब्त कर लिए थे।