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बीकानेर ,संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के स्टोर के भौतिक सत्यापन में उजागर हुई अनियमितता को लेकर अब पीबीएम प्रशासन व एसीबी आमने-सामने हैं. आलम यह है कि अब तक इस मामले की जांच पीबीएम स्तर पर शुरू नहीं हो पाई है।

जबकि मामला राज्य सरकार तक पहुंच गया है।
राज्य सरकार के निरीक्षण निदेशालय की टीम ने पीबीएम अस्पताल के स्टोर का भौतिक सत्यापन किया था. निरीक्षण टीम ने करीब दस साल के रिकॉर्ड की जांच की थी, जिसमें करीब 50 करोड़ की अनियमितता सामने आई थी। यह रिपोर्ट लीक होते-होते एसीबी के पास पहुंच गई। इसको लेकर पीबीएम प्रशासन भी हैरान व परेशान है।

अधीक्षक डॉ. प्रमोद कुमार सैनी का कहना है कि आधिकारिक रिपोर्ट मेरे पास आने से पहले किसी ने एसीबी को भेज दी. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि एसीबी को क्या रिपोर्ट भेजी गई थी। उनका कहना है कि यह एसीबी के बस की बात नहीं बनती है। क्योंकि कोरोना काल में भारी मात्रा में सामग्री की खरीदारी हुई थी। उसका रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया जाता है। बिंदुवार जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। हर सवाल का जवाब स्टोर प्रभारी देंगे। ऐसे में एसीबी का इसमें दिलचस्पी लेना समझ से परे है। वहीं एसीबी एसपी देवेंद्र बिश्नोई का कहना है कि उनके यहां से रिपोर्ट राज्य सरकार के पास गई है. अब सरकार को तय करना है कि इसकी जांच किस स्तर पर होनी चाहिए। आश्चर्य की बात यह है कि पिछले दस वर्षों में भौतिक सत्यापन में पाई गई खामियों को लेकर किसी भी अधीक्षक ने किसी भी कर्मी की जिम्मेदारी तय नहीं की है

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