बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने विश्वविद्यालय में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट बनाने के निर्देश दिये है। जिसमें विद्यार्थियो द्वारा पढने वाले विषयों का क्रेडिट डिजिटली संरक्षित किया जा सकेगा।कुलपति ने ये निर्देश मंगलवार को विश्वविद्यालय के मीटिंग हॉल में आयोजित समन्वय समिति की बैठक में दिये। इससे विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को सीधा फ़ायदा मिलेगा। किसी स्टूडेंट को अगर एक राज्य के विश्वविद्यालय से दूसरे राज्य के विश्वविद्यालय में शिफ्ट करना पड़े तो स्टूडेंट के क्रेडिट भी ट्रांसफ़र हो सकेंगे।
बैठक में कुलपति ने सभी स्टूडेंट्स के डीजी लॉकर बनाने के भी निर्देश दिये। डिजी लॉकर के माध्यम से विद्याथियो की मार्कशीट समेत अन्य प्रमाण पत्रों को अपलोड किया जा सकेगा। इससे विद्यार्थी ऑनलाइन ही अपनी मार्कशीट समेत अन्य दस्तावेज विश्व में कहीं भी ऑनलाइन देख पाएगे और उपयोग में ले सकेंगे।
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और डीजी लॉकर बनाने के निर्देश सिमका ( सेंटर फॉर इनफार्मेशन मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन) प्रभारी और परीक्षा नियंत्रक को दिये है। बैठक में विश्वविद्यालय के डीन और डायरेक्टर ने संबंधित विभाग की प्रोग्रेस को लेकर प्रेजेंटेशन दिया।
बैठक में कुलपति के ओएसडी एवं सिमका इंचार्ज श्री विपिन लड़्डा, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र, अनुसंधान निदेशक डॉ पी एस शेखावत, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमला डुकवाल, मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डॉ ए के शर्मा, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पीके यादव, आईएबीएम निदेशक डॉ आईपी सिंह, भू सदृश्यता एवं आय सर्जन निदेशक डॉ दाताराम, एसोसिएट प्रोफेसर एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ आरएस राठौड़, कृषि अभियांत्रिकी विभागाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र कुमार गौड़, कृषि महाविद्यालय आचार्य डॉ सुजीत कुमार यादव, सहायक आचार्य डॉ सीमा त्यागी, सहायक आचार्य आईएबीएम डॉ अदिति माथुर, उपस्थित रहे।