बीकानेर ,इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विद्यार्थियों के तकनीकी कौशल और रोजगार योग्यता को बढ़ाने की दिशा में राजस्थान सेंटर ऑफ़ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (आर-कैट) ने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के साथ एक एमओयू किया है। इस एमओयू का उद्देश्य विद्यार्थियों को उभरती हुई आईटी प्रौद्योगिकियों में वैश्विक मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम, प्रमाणपत्र और औद्योगिक प्रशिक्षण तक पहुंच प्रदान करना है।
इस एमओयू से बीटीयू और इसके संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों को अपने तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स को बढ़ाने का अवसर मिलेगा, जिससे वे रोजगार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
बीटीयू के रजिस्ट्रार आर.के.मीणा और संयुक्त निदेशक,सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग रणवीर सिंह ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सूचना प्रोद्यौगिकी एवं संचार विभाग के संयुक्त निदेशक सत्येंद्र सिंह राठौड़, डॉ. वाई.एन. सिंह( प्राचार्य, यूनिवर्सिटी कॉलेज), डॉ अल्का स्वामी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग उप निदेशक गगन भाटिया, आर कैट सलाहकार हिमांशु शर्मा, दीपेश रामावत रहे।
बीटीयू के रजिस्ट्रार आर के मीणा ने कहा कि आर-कैट और बीटीयू के बीच सहयोग से प्रदेश के युवाओं को प्रौद्योगिकी उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक रणबीर सिंह ने कहा कि आर कैट और बीटीयू के बीच यह एमओयू नवीनतम प्रौद्योगिकियों के बड़े अवसर लाएगा। इसका उद्देश्य उद्योगों में विशेषज्ञों की मांग को पूरा करना है। यह बीटीयू विद्यार्थियों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा।
इस एम ओ यू के माध्यम से विद्यार्थियों को एप्पल, एडोब, ऑटोफिना रोबोटिक्स, सिस्को, ईसी काउंसिल, माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल, फाइटेक, रेड हैट, एसएएस, वीएमवेयर सहित उन्नत पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
संयुक्त निदेशक राठौड़ ने बताया कि आर कैट के तहत आईटी के बुनियादी पाठ्यक्रम, क्विज-ए-थॉन छात्रवृत्ति , अग्रणी तकनीकी कंपनियों के साथ सहयोग में व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम,
शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए फैकल्टी विकास कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त ए आई
ब्लॉकचेन, (साइबर सुरक्षा):
एम्बेडेड सिस्टम्स रोबोटिक्स
सीआरएम . जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली), डेवऑप्स जैसे विषयों में भी प्रशिक्षण संचालित किए जा रहे हैं। इस एम ओ यू से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को वैश्विक प्रमाणन, तकनीकी हुनर के साथ प्लेसमेंट में भी मदद मिल सकेगी ।