
बीकानेर,25 जून 1975 को देश के इतिहास में एक काला अध्याय लिखा गया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटते हुए आपातकाल लागू किया गया। उस अमानवीय और असंवैधानिक निर्णय की स्मृति में एवं लोकतंत्र की पुनः स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु आज दिनांक 25 जून 2025 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बीकानेर महानगर द्वारा एक विशाल मशाल जुलूस का आयोजन किया गया।
इस मशाल जुलूस की शुरुआत गंगा थियेटर से हुई, एवं शहीद स्मारक पर समाप्त हुआ। सभी कार्यकर्ताओं ने मशाल लेकर लोकतंत्र की रक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में नारे लगाए तथा आपातकाल के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज किया।
एबीवीपी बीकानेर महानगर मंत्री मेहुल शर्मा ने बताया कि “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला था। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जब-जब लोकतंत्र पर संकट आया है, तब-तब छात्र शक्ति ने निर्णायक भूमिका निभाई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सदैव लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्षरत रही है और भविष्य में भी किसी भी प्रकार की तानाशाही प्रवृत्ति के विरुद्ध अग्रिम पंक्ति में खड़ी रहेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि यह मशाल जुलूस युवाओं को जागरूक करने, इतिहास से सबक लेने और लोकतंत्र की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता जताने का माध्यम है।
इस अवसर पर प्रांत सहमंत्री पूनम मेड़तिया, विभाग संयोजक मोहित जाजड़ा, राज्य विश्विद्यालय कार्य सह संयोजक रेवंत सिंह, राघव सरोलिया , आदित्य , राकेश गोदारा, भगीरथ गोदारा समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।