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बीकानेर,टाइम्स ऑफ राजस्थान समाचार पत्र संपादक निर्भीक वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय अभय प्रकाश भटनागर की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी स्मृति में आज दोपहर को नागरी भण्डार परिसर में स्वर्गीय अभय प्रकाश भटनागर स्मृति संस्थान के पदाधिकारियों एवं आयोजक मंडल के सदस्यों की तरफ से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते पुष्पांजलि-श्रद्धांजलि कार्यक्रम चुनिंदा प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

संस्थान की सचिव सरोज भटनागर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वर्गीय भटनागर के तैल चित्र पर उपस्थित विभूतियों द्वारा माल्यार्पण एवं भावांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का आग़ाज़ करते हुए स्व. भटनागर के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर बोलते हुए कवि-कथाकार कमल रंगा ने कहा कि वे पत्रकारिता को जनजीवन के इतिहास की तरह देखते थे और पत्रकारिता में प्रयुक्त शब्दाभिव्यक्ति की हमेशा एक नैतिक कसौटी पर परखने के कायल थे।
कार्यक्रम में परामर्श मंडल के डॉ. विपिन आनंद ने उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि स्वर्गीय भटनागर की पत्रकारिता का एक सृजनात्मक आयाम भी रहा है, कि वो बेबाक टिप्पणी करते थे और उनके सान्निध्य में रही नई पीढ़ी के लेखन में मुंह बोलती नजर आती है, स्व. भटनागर मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के प्रकाशस्तंभ की तरह है। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में शाइर बुनियाद हुसैन ज़हीन ने उन्हें पत्रकारिता का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि अभय प्रकाश भटनागर ने हमेशा नई पीढ़ी के पत्रकारों को प्रोत्साहित किया और जब भी कोई बात उन्हें समझानी होती तो सरल सहज शब्दों में बात कहते, स्व. भटनागर ने टाइम्स ऑफ राजस्थान के माध्यम से पत्रकारिता का एक नया मुहावरा गढ़ा, उन्होंने कभी किसी से समझौता नहीं किया।
संस्थान के प्रेस प्रवक्ता शाइर क़ासिम बीकानेरी ने उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि वे सच्चाई की हिमायत करने वाले सच्चे एवं निर्भीक पत्रकार एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और वे अपने अखबार की नियमितता पर भी विशेष ध्यान देते थे, उन्होंने कहा एक पत्रकार तभी सच्चा पत्रकार बन सकता है जब वो समय का पालन करें । इस मामले में स्व. भटनागर सच्चे पत्रकार थे।
इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष एवं उनके क़रीबी एडवोकेट पारस नाथ सिद्ध ने उनके साथ जुड़े हुए संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि अभय प्रकाश भटनागर मौलिक की तलाश में रहने वाले शाश्वत खोजी पत्रकार थे।
इसी तरह संस्थान के उपाध्यक्ष शांतिलाल सुराणा ने कहा कि उनका जीवन लोकहितार्थ था जिसके लिए उन्होंने अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में बड़े त्याग किए। इस अवसर पर उन्हें स्मरण करते हुए संरक्षक मंडल के सदस्य सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी अली अकबर ने कहा कि उन्होंने अपने कार्य को समर्पित भाव से किया था तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में उनसे बहुत लोगो ने पत्रकारिता सीखी ।
इस अवसर पर संस्थान के सह सचिव इंजीनियर निलय सोलंकी ने कहा कि वे सही अर्थो में पत्रकारिता करने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व थे। सोलंकी ने उन्हें पत्रकारिता का एक आदर्श पुरुष बताया।
इस अवसर पर अपनी भावांजलि व्यक्त करते हुए डाॅ. ज्ञानप्रकाश भटनागर, नन्दकिशोर सोलंकी, रमेश सुराणा, भंवर पुरोहित, जे.पी. व्यास, अनवर अली, मोतीलाल हर्ष, पूर्व पार्षद राजा सेवग, देवदत्त शर्मा, राज उतरेजा, महेंद्र कुमार, गंगा बिशन बिश्नोई, पवन भाटी, एडवोकेट विजय गिरी, शिवाजी आहूजा, कुलदीप सिंह गहलोत, संतोष जैन, दीपेश भटनागर, उमेश तंवर, प्रेम गहलोत, संतोष शर्मा, गोपाल गौतम, मास्टर केदार, विकास पारीक एवं छगन सिंह सहित नगर की विभिन्न कलाओं से जुड़े गणमान्य लोगों ने अपनी भावांजलि अर्पित करते हुए स्वर्गीय भटनागर को स्मरण किया और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संयोजन कमल रंगा ने किया एवं आभार स्मृति संस्थान के सचिव सरोज भटनागर ने ज्ञापित किया।

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