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बीकानेर,जहाँ अधिकतर युवा अपने जन्मदिन को पार्टी, मौज-मस्ती और सोशल मीडिया पर सेलिब्रेशन के रूप में मनाते हैं, वहीं एक ऐसा युवा भी है जिसने अपने इस खास दिन को इंसानियत के नाम कर दिया।

सुखराम जाखड़ , उम्र 28 निवासी गांव धर्मास ने आज अपने जन्मदिन के अवसर पर रक्तदान कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की। यह उनका पहला रक्तदान नहीं था, लेकिन इसे उन्होंने “जिंदगी को जिंदगी देने का दिन” कहा।

“मैं चाहता था कि मेरे जन्मदिन पर कोई खुश हो — कोई ऐसा जिसे मेरे खून की जरूरत हो। इस दिन को सेल्फी और केक तक सीमित नहीं रखना चाहता था,” — सुखराम जाखड़ ने भावुक स्वर में कहा।
रक्तदान कोठारी हॉस्पिटल बीकानेर में किया गया, जहाँ उस दिन पहले से ही एक जरूरतमंद मरीज को O+ ब्लड की सख्त आवश्यकता थी। हनुमान राम ओझा आड़सर बास श्री डूंगरगढ़ के समय पर किए गए रक्तदान ने उस मरीज की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।

समाज के लिए संदेश
रक्तदान के बाद उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा:

“हर साल हम केक काटते हैं, पार्टी करते हैं, लेकिन क्या हम एक बार भी सोचते हैं कि इस दिन कोई कहीं जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है? मेरा मानना है कि जन्मदिन सिर्फ हमारा नहीं होता — वह दूसरों को भी जीवन देने का एक मौका होता है।”
स्थानीय लोगों ने की सराहना
ब्लड बैंक के वरिष्ठ अधिकारी कमल सक्सेना ने कहा, “आज के समय में जहाँ युवा सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं, ऐसे में सुखराम जाखड़ जैसे युवाओं का यह कदम न केवल प्रशंसनीय है बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायक भी है।”

एक नई परंपरा की शुरुआत
सुखराम जाखड़ ने यह भी घोषणा की कि वे अब हर साल अपने जन्मदिन पर रक्तदान करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। उनकी इस सोच से सोशल मीडिया पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

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