
ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका प्रेम बोथरा ने बताया कि गंगाशहर तेरापंथ भवन से मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी द्वारा मंगल पाठ श्रवण करके यात्रा का प्रारंभ किया। उसके पश्चात सरदारशहर शांति पीठ पहुंचने पर सभी ज्ञानार्थी, पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आचार्य श्री महाप्रज्ञ के समाधि स्थल पर एकत्रित होकर ध्यान की मुद्रा में बैठकर ॐ श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नमः का समवेत स्वरों में जप किया गया। इस शांत वातावरण में जप करके मन को शांति की अनुभूति प्राप्त हुई उसके पश्चात सभी बच्चों को महाप्रज्ञ दर्शन अत्याधुनिक म्यूजियम दिखाया गया। इस म्यूजियम में प्रवेश करते ही आचार्य श्री महाप्रज्ञ की आवाज में मंगलवाणी, जैन दर्शन ,आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन पर आधारित 180 डिग्री की Led स्क्रीन पर 90 वर्षों तक अपने जीवन में चरितार्थ करने वाले सभी कार्यों का उल्लेख अत्याधुनिक डॉक्यूमेंट्री द्वारा बच्चों को दिखाया गया। इसके अलावा तेरापंथ दर्शन ,आचार्य महाप्रज्ञ का सुनहरा बचपन ,अहिंसा यात्रा, कालचक्र ,महाप्रज्ञ वाणी से मंत्र समाधान ,प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग, जीवन विज्ञान, महाश्रमण दीर्घा ,व महाश्रमण संवाद में ज्ञानार्थियों ने अपनी जिज्ञासा गुरुदेव के समक्ष रखी जिसका समाधान टेक्नोलॉजी के माध्यम से गुरुदेव के आशीर्वचनों द्वारा किया गया। अंत में लेजर लाइट के द्वारा प्रज्ञा गीतों का श्रवण किया गया।