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बीकानेर,श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा दिनांक 13 अगस्त 2023 को  ज्ञानार्थियों के आध्यात्मिक भ्रमण हेतु सरदारशहर युगप्रधान आचार्य श्री महाप्रज्ञ के समाधि स्थल, अध्यात्म का शांतिपीठ पर ले जाया गया। इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान ज्ञानशाला के 181 ज्ञानार्थी शामिल हुए।

 ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका प्रेम बोथरा ने बताया कि गंगाशहर तेरापंथ भवन से मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी द्वारा मंगल पाठ श्रवण करके यात्रा का प्रारंभ किया। उसके पश्चात सरदारशहर शांति पीठ पहुंचने पर सभी ज्ञानार्थी, पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आचार्य श्री महाप्रज्ञ के समाधि स्थल पर एकत्रित होकर ध्यान की मुद्रा में बैठकर ॐ श्री महाप्रज्ञ गुरुवे नमः का समवेत स्वरों में जप किया गया। इस शांत वातावरण में जप करके मन को शांति की अनुभूति प्राप्त हुई उसके पश्चात सभी बच्चों को महाप्रज्ञ दर्शन अत्याधुनिक म्यूजियम दिखाया गया।  इस म्यूजियम में प्रवेश करते ही आचार्य श्री महाप्रज्ञ की आवाज में मंगलवाणी, जैन दर्शन ,आचार्य महाप्रज्ञ के जीवन पर आधारित 180 डिग्री की Led स्क्रीन पर 90 वर्षों तक अपने जीवन में चरितार्थ करने वाले सभी कार्यों का उल्लेख अत्याधुनिक डॉक्यूमेंट्री द्वारा बच्चों को दिखाया गया। इसके अलावा तेरापंथ दर्शन ,आचार्य महाप्रज्ञ का सुनहरा बचपन ,अहिंसा यात्रा, कालचक्र ,महाप्रज्ञ वाणी से मंत्र समाधान ,प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग, जीवन विज्ञान, महाश्रमण दीर्घा ,व महाश्रमण संवाद  में ज्ञानार्थियों ने अपनी जिज्ञासा गुरुदेव के समक्ष रखी जिसका समाधान टेक्नोलॉजी के माध्यम से गुरुदेव के आशीर्वचनों द्वारा किया गया। अंत में लेजर लाइट के द्वारा प्रज्ञा गीतों का श्रवण किया गया।

गंगाशहर ज्ञानशाला व्यवस्थापक देवेंद्र डागा ने बताया कि आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी के दर्शन किए। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि ज्ञानशाला गुरुदेव तुलसी का एक महत्वपूर्ण आयाम है। बच्चों को छोटे-छोटे संकल्पों से उनका भावी जीवन नैतिक और प्रामाणिक बनाया जाए और आदर्श भावी पीढ़ी तैयार हो सके इस दृष्टि से ज्ञानशाला आज विशाल रूप में पूरे देश में संचालित है। उन्होंने “अच्छे बच्चे हो तैयार” गीतिका के माध्यम से ज्ञानार्थियों प्रशिक्षिकाओं व सभी को संदेश दिया।. उन्होंने कहा कि बच्चों को तैयार करने में प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ज्ञानशाला का मुख्य ध्येय है कि बच्चे ज्ञानवान, विनम्र, नैतिक व अनुशासित बने। राजस्थान थली क्षेत्र की ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका श्रीमती कांता चंडालिया जी ने अपना वक्तव्य दिया और बताया कि गंगाशहर क्षेत्र की ज्ञानशाला सुसंस्कारों से सॢजित, अनुशासित आज हमारे सरदारशहर की पावन धरा पर पधारे हैं इसलिए हम सबको हर्ष की अनुभूति हो रही है। सरदारशहर सभाध्यक्ष श्री सिद्धार्थ चंडालिया द्वारा पधारे हुए सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का हार्दिक अभिनंदन स्वागत करते हुए सभी को पताका व स्मृति चिन्ह भेंट की किया गया। उसके पश्चात गंगाशहर सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी द्वारा सरदारशहर सभाध्यक्ष व सरदारशहर ज्ञानशाला की पूरी टीम, तेयुप ,महिला मंडल का आभार ज्ञापन किया गया उसके पश्चात साध्वी श्री से  मंगल पाठ  सुनकर  सरदारशहर से गंगाशहर की ओर प्रस्थान किया।
 प्रभारी चैतन्य रांका ने बताया कि आध्यात्मिक भ्रमण में सभी कार्यकर्ता पिछले 7 दिनों से लगातार भ्रमण को सफल बनाने  हुए पूरे जोश के साथ कार्य कर रहे थे। इस कार्यक्रम में तेरापंथ सभाध्यक्ष अमरचंद सोनी, मंत्री रतनलाल छलाणी व कोषाध्यक्ष जतन लाल संचेती, तेयुप मंत्री भरत गोलछा, ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाएं, तेरापंथ युवक परिषद, किशोर मंडल, कन्या मंडल की टीम का पूरा सहयोग रहा। ज्ञानार्थियों के अभिभावकों का विशेष आभार, जिन्होंने अपने बच्चों को इस आध्यात्मिक यात्रा में प्रेरित करके बच्चों को आध्यात्मिक भ्रमण हेतु सरदारशहर जाने की अनुमति प्रदान की सभी बच्चों ने इस कार्यक्रम में उत्साह से भाग लिया।

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