












बीकानेर,राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसुचित जाति उपयोजना मद में वित्त पोषित विशेष पशुचिकित्सा व बांझपन निवारण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। ये शिविर बीकानेर जिले की सभी तहसीलों में लगाए जाएँगे। इस हेतु जिले के सम्बल गांवों का चयन किया गया है। इन शिविरों में चयनित गांवों में विशेषज्ञ पशु चिकित्सक जाकर बीमार पशुओं का इलाज करेंगे, विशेष रूप से बांझपन निवारण पर ध्यान दिया जाएगा तथा पशु पालकों को निःशुल्क दवा व मिनरल मिक्सचर का वितरण किया जाएगा। इस श्रृंखला के तहत लगभग 30 शिविरों का आयोजन किया जाएगा एवं प्रत्येक तहसील में तीन से चार शिविर आयोजित किए जायेंगे। इस श्रृंखला के अंतर्गत सोमवार को गाँव भैरूपावा में ये विशेष शिविर लगाया गया। उक्त शिविर में कुल 1165 पशुओं का इपचार किया गया जिनमें गाय, भैंस, ऊँट, भेड़ व बकरियां शामिल थी। ग्राम वासियों में इस शिविर को लेकर काफ़ी उत्साह देखा गया और ग्रामीणों ने बढ़चड़ कर इस शिविर में भाग लिया और इसका लाभ उठाया। इसके साथ ही ग्रामीणों को गोष्ठी के माध्यम से पशुओं में होने वाले रोग, उनकी रोकथाम व प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही राजुवास में स्थित आपदा प्रबन्धन केंद्र द्वारा भी ग्रामीणों को आपदा के समय पशुओं की देखभाल के विषय में जानकारी प्रदान की गई। इस शिविर में राजुवास के निदेशक क्लिनिक्स प्रो प्रवीण बिश्नोई, डॉ जे पी कच्छवा, डॉ मोहनलाल गोदारा, डॉ प्रमोद कुमार के साथ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर व इंटर्नशिप छात्र छात्राओं ने अपना योगदान दिया। इस श्रृंखला के अगले शिविर दिनांक 24 दिसम्बर को गीगासर गाँव तथा 26 दिसम्बर को गेरसर गाँव में आयोजित किये जाएँगे।
