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बीकानेर,तेरापंथ भवन, गंगाशहर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा मुनि श्री चैतन्य कुमार जी ‘अमन’ के आगमन पर स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुनिश्री चैतन्य कुमार जी ने कहा कि संतों का आगमन समाज के लिए महत्वपूर्ण होता है, उन्होंने आचार्य व धर्मसंघ को सर्वोपरि बताते हुए अपना उद्बोधन दिया।उन्होंने कहा कि 9 वर्षों के पश्चात उनका गंगाशहर आना हुआ है, यह पुण्य धरा है तथा मेरी जन्मभूमि व दीक्षाभूमि है। जननी व जन्मभूमि का गौरव सभी को होता है। इस अवसर पर मुनि श्री श्रेयांश कुमार जी ने स्वागत गीतिका का संगान किया। मुनि श्री विमलबिहारी जी ने कहा कि विहार चर्या संत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, आप लाडनूं से विहार कर अपनी जन्मभूमि पर पधारे हैं, हम आपका स्वागत करते हैं। मुनिश्री प्रबोध कुमार जी ने कालचक्र के अनुसार धर्म की व्याख्या करते हुए मोक्ष के द्वार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में साधु-संतों के आगमन पर स्वागत करना रचा बसा हुआ है। सामान्य रूप में भी अतिथि देवो भव के रूप में अतिथियों के स्वागत की परंपरा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ चैनरूप छाजेङ द्वारा मंगलाचरण से किया गया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, जैन महासभा के अध्यक्ष लूणकरण छाजेड़ तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी जतन लाल दुगङ, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अरुण नाहटा, तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष मधु छाजेड़, तेरापंथ कन्या मंडल संयोजिका योगिता भूरा ने स्वागत में अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। उनके पारिवारिक जनों द्वारा गीतिका का संगान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन तेयुप मंत्री भरत गोलछा द्वारा किया गया।

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