
बीकानेर,बीकानेर को यूं ही धर्मनगरी नहीं कहा जाता। यहां के मंदिरों में आस्था, चमत्कार और इतिहास का अनोखा संगम देखने को मिलता है। बीकानेर से करीब सात किलोमीटर दूर सरेह नत्थानिया गोचर भूमि में स्थित गोली वाले हनुमान जी का मंदिर इसका जीवंत प्रमाण है।यह मंदिर पूरी दुनिया में अपनी तरह का अकेला है, जिसकी पहचान बजरंगबली की उस मूर्ति से जुड़ी है, जिसके पैर में सच में गोली लगी थी।
जब हनुमान जी के चरणों में लगी थी गोली
मंदिर से जुड़े चेतनराव भाट के अनुसार, यह मंदिर करीब 200 से 250 साल पुराना है। बताया जाता है कि लगभग 40-45 साल पहले, इस मंदिर के समीप पुलिस की फायरिंग रेंज हुआ करती थी। फायरिंग अभ्यास के दौरान एक गोली सीधे मंदिर की ओर आ गई और जाकर हनुमान जी की प्रतिमा के पैर में लग गई। आज भी मूर्ति के चरणों में वह गोली का निशान स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, मंदिर के गेट पर भी गोली का छेद आज तक मौजूद है, जो उस अद्भुत घटना की गवाही देता है।
चमत्कारी है गोली वाले हनुमान जी की मूर्ति
गोली लगने की यह घटना भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गई। लोगों का मानना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना ‘गोली की तरह’ तुरंत पूरी होती है। इसी कारण से इस मंदिर को “गोली वाले हनुमान जी” के नाम से पुकारा जाता है।
रोज उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब
हर दिन सुबह और शाम को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। कोई संतान सुख की कामना करता है, तो कोई अपने काम में सफलता की। यहां की शांति, श्रद्धा और हनुमान जी की चमत्कारी प्रतिमा हर किसी को एक विशेष ऊर्जा और विश्वास से भर देती है।