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बीकानेर,किसी घर में एक दुर्घटना हो सकती है दो हो सकती है लेकिन मौत डेरा ही डाल लें तो आखिर कोई करे तो क्या करें। बीकानेर के देशनोक में रैगर परिवार के साथ ऐसी ही अनहोनी एक के बाद एक होती जा रही है। परिवार की छोटी बेटी ने शनिवार रात फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। इससे पहले बड़ी बहन ने अपने ससुराल में सुसाइड कर ली तो एक विवाहित भाई की भरी जवानी में एक्सीडेंट में मौत हो गई। इलेक्ट्रिक उपकरण की मरम्मत करने वाले दीपाराम रैगर के घर में मौत का सिलसिला इन तीन भाई बहनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि कैंसर से उनकी पत्नी भी कुछ महीने पहले दुनिया छोड़ चुकी है।
देशनोक के बाजार में इलेक्ट्रिक की दुकान चलाने वाले दीपाराम की महज 17 साल की बेटी रेखा ने शनिवार रात फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। घर वालों को पता चला तो उसे अस्पताल भी ले गए लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया था। नाबालिग की मौत के बाद से परिवार में मातम छाया हुआ है। पिता दीपाराम की आंखों से तो अब आंसू ही खत्म हो गए हैं। वो इतने आघात सहन कर चुका है कि उसकी आंख में शायद आंसू रहे ही नहीं।
एक के बाद एक आघात
करीब डेढ़ साल पहले रेखा की बड़ी बहन शशि ने भी मुंबई स्थित अपने ससुराल में सुसाइड कर ली थी। उसके कारणों का पता लगाने का प्रयास किया लेकिन मुंबई पुलिस से परेशान होकर वापस लौट आया। अभी बेटी का गम कम ही नहीं आ कि कैंसर पीड़ित पत्नी संतोष ने दम तोड़ दिया। दीपाराम रैगर के जीवन में ये दो कष्ट क्या कम थे कि बेटे मनीष की सड़क दुर्घटना में मौत ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया। महज 23 साल के मनीष की पत्नी और बच्चे की जिम्मेदारी निभाते हुए वो इलेक्ट्रिक मिस्ट्री के रूप में काम करके दिन काट रहा है। इसी बीच अब सबसे छोटी बेटी रेखा रैगर ने मौत को गले लगा लिया। उसकी मौत का कारण भी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
13 दिन में तीसरी मौत
इससे पहले 26 अक्टूबर को नापासर में दो बहनों ने सुसाइड कर ली थी। इनमें एक की उम्र महज 13 साल और दूसरी की 19 साल थी। इन दोनों लड़कियों की मौत का कारण भी अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। देशनोक में रेखा रैगर तेरह दिन में सुसाइड करने वाली तीसरी लड़की है।

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