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बीकानेर,जयपुर। वे विगत 40 वर्षों से राजनीति में हैं और अब तक 6 बार विधायक रहे हैं। राज्य सरकार में वे विभिन्न विभागों के मंत्री भी रहे हैं और राजनीति में आने से पहले कॉलेज व्याख्याता थे। करीब 72 वर्ष की उम्र में भी वे न केवल राज्य सरकार के बेहद महत्वपूर्ण ऊर्जा व जलदाय विभागों को संभाल रहे हैं, बल्कि राजस्थान जो कि पानी-बिजली के लिए सदा ही संघर्षरत रहा है।

ऐसे राज्य में उन्होंने गत तीन वर्षों में ना केवल पानी-बिजली की व्यवस्था सुचारु रखी है, बल्कि

शाकाहार-सात्विक भोजन डॉ. कल्ला की शक्ति

डॉ. कल्ला अपना जीवन भारतीय पद्धति के अनुसार ही जीते हैं। उनकी बीमारी के दौरान भी जो ऊर्जा बनी हुई है। इसके पीछे उनकी यही अनुशाषित जीवनशैली है। वे नियमित योगाभ्यास करते हैं। शाकाहार व सात्विक भोजन ही उनकी शक्ति है। वे सावन और नवरात्र जैसे समय में विशेष साधना भी करते हैं। वे जब चुनाव हार गए थे तब भी उनकी ये जीवनशैली नियमित बनी हुई थी। बीकानेर से लेकर जयपुर तक वे अपनी मिलनसारिता के लिए जाने जाते हैं।

पिछली सरकारों में इन दोनों मुद्दों पर उग्र आंदोलन होते रहे हैं। वे भी इस बार नहीं हुए। गत 10-12 दिनों से वे बीमार हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। ऊर्जा विभाग को जिस तरह के मंत्री की जरूरत हैं वे ठीक वैसे ही ऊर्जावान हैं। हम बात कर

रहे हैं ऊर्जा व जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला की। डॉ. कल्ला इन दिनों बीमार होने के कारण घर से ही विभागीय काम-काज संभाल रहे हैं और इन्हीं दिनों बिजली संकट पूरे देश में छाया हुआ है, जिससे राजस्थान अछूता नहीं है। कोयले की कमी से राजस्थान

में बिजली कटौती और बिजली उत्पादन में कमी गंभीर संकट बन चुकी थी, लेकिन डॉ. कल्ला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस संकट को निपटाने में कामयाबी हासिल कर ली है। कोयले के रेक राजस्थान पहुंच चुके हैं और अगले कुछ दिनों में नए रेक आएंगे। इससे पहले इंजीनियरों की टीम को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश भेजने, प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री को पत्र लिखने, कोल इंडिया से संपर्क करने, गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देकर उत्पादन बढ़ाने, कोयला कंपनियों के आर्थिक बकाया का भुगतान

करने जैसे अहम कदम उठाए। डॉ. कल्ला के इन प्रयासों के चलते राज्य में अब बिजली संकट पर काबू पा लिया गया है। अब स्थिति यह बनी है कि राज्य में की जा रही बिजली कटौती में कमी आई है। और अधिकारियों का दावा है कि दीपावली से पहले बिजली कटौती बंद कर दी जाएगी। डॉ. कल्ला प्रदेश में गैर परंपरागत ऊर्जा को नए प्रयोग देखने को मिलेंगे।

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