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बीकानेर,खरीफ सीजन के मध्यनजर उर्वरक की सुचारू आपूर्ति व्यवस्था को सुनिश्चित करने को लेकर जिले के समस्त थोक उर्वरक विक्रेताओं व कंपनी प्रतिनिधियों की बैठक सोमवार को कृषि भवन के आत्मा सभागार में आयोजित की गई। बैठक में संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने समस्त थोक उर्वरक विक्रेताओं व कंपनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि जिले में कृषि आदान विक्रेताओं को यूरिया खरीदने वाले कृषकों के रिकॉर्ड का संधारण करना होगा। इसके लिए अलग से रजिस्टर लगाना होगा। रजिस्टर में खाद करने वाले किसान का नाम, पिता का नाम, चक, गांव, बैग की संख्या, खाद कंपनी का नाम, कृषक का आधार नंबर, मोबाइल नंबर लिखकर संबंधित कृषक के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। यह कदम यूरिया खाद का उपयोग गैर कृषि कार्यों में होने की आशंका के चलते कृषि विभाग द्वारा उठाया गया है। आदान विक्रेताओं को कृषकवार उर्वरक रजिस्टर संधारण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यूरिया खाद का उपयोग गैर कृषि कार्यों में जैसे पशु आहार, प्लाईवुड, प्लास्टिक, रेजिन बनाने वाली फैक्ट्रियों में नहीं होना चाहिए। ऐसा पाये जाने पर वैधानिक नियमानुसार सख़्त कार्यवाही की जाएगी। इसलिए दुकानदारों को खाद विक्रय के संबंध में पूर्ण रिकॉर्ड मेंटेन करने के निर्देश दिए हैं।
सहायक निदेशक उद्यान मुकेश गहलोत ने बताया कि सचिव कृषि उद्यानिकी की ओर से यूरिया की वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं। 50 बैग यूरिया उर्वरक खरीदने वाले किसानों की सूची बनेगी, जांच कर रिपोर्ट तैयार कर आईएफएमएस पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। साथ ही आईएफएमएस पोर्टल से प्राप्त सूचना के अनुसार 50 या इससे अधिक बैग क्रय करने वाले किसानों की सूची संबंधित सहायक कृषि अधिकारी को भिजवाकर जांच रिपोर्ट संयुक्त निदेशक कार्यालय में भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं। इस सम्बन्ध में कृषि विभाग की ओर से यूरिया का गैर कृषि उपयोग, कालाबाजारी एवं औद्योगिक इकाइयों में उपयोग पर रोक लगाने, उर्वरकों का वितरण पारदर्शी तरीके से करने के संबंध में आदेश जारी किए हैं। एक साथ अधिक यूरिया की खरीद करने वाले किसानों की जांच करने, उर्वरकों के अवैध भंडारण व अनावश्यक टैगिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए कृषि विभाग टीम बनाकर कार्यवाही कर रहा है।
सहायक निदेशक कृषि सुरेन्द्र मारू ने बताया कि कृषि ग्रेड यूरिया पर सरकारी सब्सिडी, इसलिए तकनीकी ग्रेड से 40 रुपए किलो सस्ती है। कृषि ग्रेड (नीम कोटेड) यूरिया पर केंद्र सरकार सब्सिडी दे रही है ताकि किसानों को सस्ते में खाद मिल सके। फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक नाइट्रोजन मिल सके, इसलिए किसान यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। औद्योगिक उपयोग में सिर्फ तकनीकी ग्रेड यूरिया का ही उपयोग किया जा सकता है। तकनीकी ग्रेड की तुलना में कृषि ग्रेड की यूरिया प्रतिकिलो लगभग 40 रुपए सस्ती है। यूरिया का उपयोग पशु आहार बनाने, प्लाईवुड, रेजिन और प्लास्टिक बनाने में भी होता है। तकनीकी ग्रेड की यूरिया महंगी होने के कारण कई फैक्ट्री संचालक कृषि ग्रेड यूरिया का भी उपयोग करते हैं। इसी कारण कई क्षेत्रों में डिमांड से ज्यादा यूरिया खाद की खपत होती है। इसलिए कृषि आयुक्तालय की ओर से औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग की ओर से टीम बनाकर हर मंडी में फैक्ट्रियों का निरीक्षण शुरू कर दिया गया है।
बैठक में कृषि अधिकारी रामनिवास गोदारा, सीसीबी सुभाष चौधरी, सहकारिता कैलाश सैनी के साथ-साथ कृषि आदान निर्माता कंपनी, कृभकों से संदीप बिश्नोई, एस.एस. यादव, जगदीश सिंह शेखावत, इफको से एम.आर. जाखड़, चंबल फर्टिलाइजर से सुमित शर्मा, एनएफएल से लखवीर सिंह के साथ-साथ कृषि उर्वरक विक्रेता सुनील कुमार राठी, निर्मल कुमार राखेचा, रमेश कलवानिया, शेषकरण, महीपाल, शीशपाल, लियाकत अली इत्यादि उपस्थित रहे।

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