बीकानेर,आरजीएचएस योजना के तहत वर्तमान में लागू की गई फोटो एवं बायोमेट्रिक के तहत मरीज के ओपीडी पर्ची काटने की व्यवस्था से वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनर्स को छुट देने के संबंध में अधिवक्ता नीतू जैन,विधिक सलाहकार, राजस्थान पेंशनर्स मंच, ने मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार को भेजा पत्र।
राजस्थान सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना आरजीएचएस में हाल ही में लागू की गई व्यवस्था जिसमे मरीज के फोटो एवं बायोमेट्रिक के तहत मरीज के ओपीडी पर्ची काटी जा रही है जिसके कारण से आम पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा हैं जिसके संबंध में अधिवक्ता नीतू जैन द्वारा मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आरजीएचएस को पत्र लिख का अवगत कराया है कि पेंसनर्स का स्वास्थ्य संबंधित समस्याओ के अलावा अन्य भी पारिवारिक समस्या रहती है जिसके कारण से उनका हॉस्प्टिल तक जाकर स्वयं उपस्थित होकर फोटो खिंचवाई तथा बायोमेट्रिक के द्वारा पर्ची कटवाना संभव नही होता है। यहां तक की कुल पेंशनर्स स्वयं चलने में भी असमर्थ है, बैड पर है, उन्हे होस्प्टिल तक आकर लाईन में लग कर फोटो एवं बायोमेट्रिक उपस्थिति उपरांत पर्ची काटना लोक कल्याणकारी सरकार के द्वारा ऐसे अनुचित निर्णय से एक बढा वर्ग परेशान हो रहा है।
एक और जहां राज्य सरकार के अधिकारी बड़े बुजुर्गों पर ऐसे अनावश्यक कानून नियम कायदे थोप कर उनके मानसिक एवं शारीरिक तौर से परेशान कर रही है वहीं दुसरी और वोटो के खातिर बुजुर्गो के घर तक कार्मिको को भेजा गया था। लोकतंत्र में सारी व्यवस्था आम जनता हेतु ही की जाती है परंतु इस गलत प्रशासनिक निर्णय से हमारे समाज के वरिष्ठ नागरिकों को अनुचित परेशान किया जा रहा है ।
यदि सरकार इस योजना का अनुचित उपयोग करना ही चाहती है तो सरकार के पास सबकुछ ऑनलाईन डेटा उपलब्ध हैं कि कौन, कितनी, बार हॉस्पिटल जा रहा है कौन अनुचित काफी संख्या में दवाए उठा रहा है, ये सब एक क्लिक पर ही आपके पास एआई के द्वारा ग्राफ से प्राप्त कर सकते क्योंकि उक्त सारी जानकारी आरजीएचएस पोर्टल पर ही उपलब्ध है।
परंतु राज्य सरकार ऐसे दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के बजाए एक बडा वर्ग जो कि अब वरिष्ठ नागरिक है, उनका स्वास्थ्य एवं पारिवारिक समस्याओं से पूर्व से ही ग्रसित है उनके बीमार होते हुए भी सिर्फ हॉस्पिटल की डॉक्टर की पर्ची बनाने के लिए परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर कर रही है।
राज्य सरकार का यह नैतिक दायित्व है कि राज्य में निवास करने वाले नागरिक एवं विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के हितों एवं उनकी सामाजिक उत्थान के लिए विशेष कानून बनाए एवं उनके सामान्य सुविधाओं यथा चिकित्सा आदि सुविधाओं में बढ़ोतरी करे लेकिन ऐसा करने के बजाए इस प्रकार के अनुचित निर्णय किये जा रहे जो कि राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
अधिवक्ता नीतू जैन ने मांग की हैं कि आरजीएचएस योजना के तहत वर्तमान में लागू की गई फोटो एवं बायोमेट्रिक के तहत मरीज के ओपीडी पर्ची काटने की व्यवस्था से वरिष्ठ नागरिकों / पेंशनर्स को छूट देने का श्रम करावे ताकि हमारे बढे पेंषनर्स जिन्होने अपनी पुरी जिन्दगी राज्य सरकार की सेवा में व्यतीत की हो उन्हें इस प्रकार की अनुमति व्यवस्था से परेशान नही होना पडे।