बीकानेर,प्रयागराज अमृत कुंभ मेले के प्रारंभिक अवसर पर बुधवार को राधा सर्वेश्वर नगर, झूसी के अत्यंत विशाल पांडाल में जगद्गुरू निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर राधा मोहन शरण देवाचार्यजी महाराज ने सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस भागवत का माहात्म्य सुनाते हुए कहा कि भागवत की कथा अमृत तुल्य है, वह जगत का कल्याण करनेवाली है। त्रिवेणी के पावन संगम तट पर इसका रसपान अतुलनीय आनंद प्रदान करनेवाला है। भागवत के प्रथम स्कंद के छह अध्यायों में इसका माहात्म्य वर्णित है। यह कथा मृत्यु भय से ग्रसित केवल परीक्षित का भय ही दूर नहीं करती बल्कि मोहाविष्ट हरेक व्यक्ति के लिए मुक्तिदायनी है।
महाराज ने कहा कि भागवत की कथा हृदय की कलुषा को दूर कर निर्मलता का आविर्भाव करती है। भक्ति का आगमन करती है। सांसारिक आसक्ति से मुक्त करती है। व्यक्ति जब तक मृत्यु भय से ग्रसित रहता है, तब तक सर्वांग आनंद को ग्रहण नहीं कर सकता। भागवत अठारह पुराणों का हृदय है, इसमें त्रिस्तरीय कथा चलती है।
कथा के प्रारम्भ से पूर्व त्रिवेणी संगम से जल कलश लेकर भव्य कलश-यात्रा निकाली गई जो कीर्तन करते हुए प्रवचन पाण्डाल तक पहुंची। कथा के यजमान जयपुर के हरिप्रसाद जांगिड़- सुनीता जांगिड़ दम्पत्ति पूजन-अर्चन के साथ भागवत को सिर पर धारण करके लाए। कुंभ क्षेत्र में हजारों पाण्डाल सजने लगे हैं। यहां हजारों जगह पर विभिन्न धार्मिक कथाएं अगले कुछ दिनों में प्रारम्भ होगी। बुधवार इस मेला क्षेत्र में अनेक साधुओं की पेशवाई हुई, संगम में स्नान किया। इस बार कुंभ क्षेत्र की सजावट और सुंदरता देखते ही बनती है।