
बीकानेर,संयुक्त राज्य अमेरिका के एमोरी यूनिवर्सिटी अटलांटा , जॉर्जिया,के छात्रों का दल बीकानेर पंहुचा। यहाँ शोध के विषय को लेकर बीकानेर गोल्डन आर्ट अकेडमी के चित्रकार राम कुमार भादाणी से एक दिवासीय बीकानेर की सुनहरी कलम पर होने वाले कार्य कि बारीकीयों को जाना। जिसमे उन्होंने गुदराई (ऊपर उठाना),सोने के वर्क लगाने के साथ श्याही से रेखांकन ओर रंगो कि भराई के पुरी जानकारी को बारीकी से सीखा। एक पूरा कलात्मक रूप फोटो फ्रेम बनाकर कार्य की पूर्ण जानकारी प्राप्त की। Usa से आये एरिक विलालोबास मथेरण समाज ओर यति समाज पैर पिछले 4 वर्षो से शोध का कार्य तहे है। ओर पिछले वर्ष भी जब शोध लिए बीकानेर आये तोह राम कुमार भादाणी से मथेरण शैली के बादलो पर एक दिवासीय प्रशिछण लिया था। इनके साथ आये ज्योति अग्रवाल जो की देहली की है वह भी usa से आये है वे जैन तीर्थ पर मुग़ल कल से लेकर ब्रिटिश काल के आगमन के पहले तक का शोध कार्य कर रहे है। दोनों शोधार्थियों को भाण्डाशाह जैन मंदिर व प्राचीन हवेलियों के साथ अभय चंद जैन ग्रन्थालय पर भर्मण करया गया।
भादाणी ने बताया की सुनहरी कलम को भारतीय कला के रूप में जीवंत रखने के लिए अथक प्रयासरत है। इससे पूर्व व usa के स्टूडेंट, केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती शांति निकेतन, एनआईएफटी एनआईडी, पीएम श्री नवोदय विद्यालयों के साथ साथ अन्य कई महाविद्यालयों में सुनहरी कलम का प्रशिक्षण दे चुके है।