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बीकानेर,आचार्य महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी एवं मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी ठाणा 6 का चातुर्मासिक प्रवेश शनिवार सुबह 7:31 बजे बोथरा भवन से विहार कर तेरापंथ भवन, गंगाशहर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर श्रद्धा, अनुशासन और भक्ति से ओतप्रोत स्वागत एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ।

धर्म-साधना का अनुपम अवसर
समारोह को संबोधित करते हुए मुनिश्री कमल कुमार जी ने कहा कि चातुर्मास धर्म आराधना का महत्वपूर्ण काल है, जिसमें साधु एक स्थान पर रहकर तप, ध्यान और स्वाध्याय करते हैं। यह काल जीवों की उत्पत्ति का होता है, जिससे अहिंसा भाव की रक्षा के लिए साधु एक स्थान पर ठहरते हैं। उन्होंने कहा, “आचार्य महाश्रमण जी युगीन समस्याओं को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। आज विवाह जैसे पवित्र आयोजनों में भी अनेक विकृतियाँ घुस गई हैं।”उससे धार्मिकों मो बचना चाहिए।

“हिंसा की होली बंद हो, अहिंसा की साधना बढ़े”
मुनिश्री ने विशेष रूप से फूलों की होली, प्री-वेडिंग शूट्स, और अंधाधुंध आधुनिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे समाज का नैतिक पतन हो रहा है। “फूलों की होली में असंख्य सूक्ष्म जीवों की हिंसा होती है, इससे निकाचित कर्म बंधते हैं। यह कदापि उचित नहीं। समाज को इन कुरीतियों से मुक्त करना जरूरी है।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आदर्श जीवन जीएं, भोग-विलास नहीं बल्कि संयम और साधना को अपनाएं।

चातुर्मास में साधना का आह्वान
मुनिश्री ने कहा कि चातुर्मास काल में सामायिक, जप, तप, स्वाध्याय और ध्यान का अधिक से अधिक अभ्यास करना चाहिए। “अर्हत वंदना घर-घर में होनी चाहिए और उपवास का क्रम नियमित चले। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में  किशोरों को सघन साधना शिविर में भेजकर उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करें।” मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी ने एक भावनात्मक गीतिका के माध्यम से अपनी श्रद्धा, भाव और मंगलकामनाएं प्रस्तुत कीं, जो उपस्थित जनसमूह को गहराई से स्पर्श कर गई।

स्वागत वक्तव्यों की श्रृंखला
मुनिश्री के चातुर्मासिक प्रवेश अवसर पर कई गणमान्यजनों ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत किया। जैन लूणकरण छाजेड़, अमरचंद सोनी, जतनलाल संचेती, गणेशमल बोथरा, आसकरण पारख, धर्मेंद्र डाकलिया, जतनलाल दूगड़, निर्मल बैद, ललित राखेचा, मनोहरलाल दूगड़, करणीदान रांका, राजेंद्र बोथरा, प्रेम बोथरा, किरण देवी छाजेड़, गरिमा भंसाली सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचारों में मुनिवृंद के प्रति श्रद्धा और स्वागत व्यक्त किया।

गीतिका व रैली से स्वागत की शोभा
मुनिश्री के स्वागत में भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। तेरापंथी सभा , युवक परिषद् , महिला मंडल , कन्या मंडल व किशोरमंडल के ससयगण अपनी अपन गणवेश में शामिल हुए।  बोथरा भवन से तेरापंथ भवन तक रास्ता एकामय हो गया।  साथ ही सभी संस्थागत कार्यकर्ताओं ने गणवेश में रैली में भाग लेकर शोभा बढ़ाई। चातुर्मास का यह शुभ अवसर गंगाशहर में धर्म, सेवा, साधना और समाज सुधार का प्रेरणास्त्रोत बनेगा — ऐसी मंगलकामनाओं के साथ समारोह सम्पन्न हुआ।

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