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जयपुर। दीपावली से पहले बेरोजगारों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र की तर्ज पर अब राजस्थान में भी समय पर और नियमित भर्तियां होंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के अनुसार सभी प्रशासनिक विभागों की ओर से सीधी भर्ती के पदों के संबंध में रिक्तियों की गणना 15 अप्रेल तक आवश्यक रूप से सम्पन्न की जाएगी।

 

गणना के लिए 1 अप्रेल को उपलब्ध रिक्तियों, सेवा-निवृत्ति, नवीन पद सृजन या अन्य किसी कारण से 15 अप्रेल तक प्राप्त होने वाली रिक्तियों को शामिल किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने एवं रिक्त पदों को भरने के लिए कार्मिक विभाग की सहमति आवश्यक नहीं होगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि विभाग की ओर से उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर 31 मई से पूर्व भर्ती प्रस्ताव आरपीएसी, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड या संबंधित भर्ती संस्था को भेजा जाएगा।

 

विभागाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे कि 31 मई से पूर्व भर्ती की अर्थना इन एजेन्सियों को प्राप्त हो जाए। कार्मिक विभाग 15 मई से पहले उन सभी विभागों के संस्थानपन कार्य से जुड़े अधिकारियों की कार्यशाला भी आयोजित करेगा, जिनमें सीधी भर्ती की जानी है या पद रिक्त हैं। कार्यशाला में भर्तियों से संबंधित सेवा नियमों, प्रक्रिया तथा आरक्षण से संबंधित नए प्रावधानों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भर्तियों में शैक्षणिक योग्यता संबंधी विवादों को दूर करने के लिए विभागों में विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में शैक्षिक अर्हता एवं शैक्षिक समकक्षता समिति के गठन तथा नियमित भर्तियों के संबंध में अलग-अलग परिपत्र जारी किए हैं।

 

3 सप्ताह में जॉइन नहीं करने पर नियुक्ति निरस्त

अब भर्ती कैलेंडर का पालन सख्ती से करना होगा। आरपीएससी तथा कर्मचारी चयन बोर्ड समय पर भर्ती प्रक्रिया निपटाने के लिए हर अगले वर्ष की भर्तियां के लिए कैलेण्डर जारी करेंगे। वहीं, चयन सूची जारी होने के बाद विभागों को एक माह में पदस्थापन आदेश जारी करने होंगे। नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद अभ्यर्थी को 3 सप्ताह में जॉइन करना होगा अन्यथा नियुक्ति आदेश स्वतः निरस्त समझा जाएगा। कार्यग्रहण की समय सीमा में वृद्धि के लिए अभ्यर्थी को अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व सूचित करना होगा।

 

कमेटी दूर करेगी भर्ती प्रक्रिया विवाद

परिपत्र के अनुसार समिति में विभागीय अधिकारियों के साथ ही मनोनीत विषय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। यह समिति विभिन्न पदों की शैक्षणिक समकक्षता के नियमों को अपडेट करने के साथ ही उनका स्पष्ट निर्धारण करेगी। इससे ऐसे विवादों को दूर कर भर्ती प्रक्रिया को समयबध्द रुप से सम्पन्न किया जा सकेंगे। किसी पद की भर्ती में शैक्षिणक योग्यता की समकक्षता के संबंध में विवाद होने पर प्रकरण निर्णय के लिए इस समिति के समक्ष रखा जाएगा। इस स्थिति में कार्मिक विभाग के प्रतिनिधि को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा।

 

अभ्यर्थियों के लिए ये व्यवस्था

आयोग एवं बोर्ड 15 जुलाई से पूर्व सिफारिशों का परीक्षण सुनिश्चित करेंगे। कमी पाए जाने पर प्रशानिक विभाग तत्काल भर्ती संस्था से समन्वय स्थापित कर 31 अगस्त से पहले संशोधित प्रस्ताव संबंधी कार्रवाई करेंगे।

 

किसी भी भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ होने के बाद सेवा नियमों में होने वाले संशोधित का प्रभाव उस भर्ती पर नहीं होगा।

 

आयोग एवं कर्मचारी बोर्ड, दोनों में अभ्यर्थियों के लिए आवेदन की एकबारीय पंजीयन व्यवस्था को प्रभाव रुप से लागू किया जाएगा।

 

समय बचाने के लिए दस्तावेज सत्यापन की पक्रिया के तहत रिक्तियों की तुलना में न्यूनतम दो गुने अभ्यर्थियों को सत्यापन के लिए आंमत्रित किया जाएगा।

 

सत्यापन कार्य परिणाम जारी होने के बाग अधिकतम 45 दिवस में पूरा करना होगा।

 

रिक्तियों की संख्या बहुत अधिक होन पर इसे 15 दिवस तक बढ़ाया जा सकेगा।

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