बीकानेर-स्थानीय सेठिया कोटड़ी में रविवार को 500 आराधकों ने दया व्रत,दयाभाव, एकासन,7-7 सामयिक के प्रत्याख्यान ग्रहण कर तप-त्याग की झड़ी लगा दी। सुबह से ही सेठिया कोटड़ी में मेले सा माहौल बना रहा। बच्चे,बुजुर्ग,युवा,महिला और सभी आयु वर्ग के व्यक्ति यथा शक्ति तप-त्याग में साक्षी बन रहे थे।
प्रवचन सभा में श्री हिमांशु मुनिजी म.सा.ने गुरु की महिमा पर अपने भाव प्रकट किए।
श्री संजयमुनिजी म.सा. ने *गुरुभक्ति से ही मिलेगी मुक्ति* पर मार्मिक प्रवचन देते हुए कहा कि गुरु की महिमा का बखान हम तो क्या किसी पंडित,किसीविद्वान,किसी शास्त्र या ग्रंथ के माध्यम से नही किया जा सकता। गुरु स्वयं तो इस संसार सागर से तिरते ही हैं साथ ही अपने शिष्यों को भी उसी राह पर अग्रसर करते हैं। आपने भगवान महावीर और गौतम स्वामी के संबंध को भी उदहारण के माध्यम से समझाते हुए गुरु को दीपक के समान अज्ञान के अंधकार को हरने वाला बताया।
*पारस और गुरुदेव में इतना अंतर जान*
*पारस तो सोना करे गुरु कर दे आप समान*
गीतिका के माध्यम से गुरु राम की महिमा का वर्णन किया।
*साध्वी श्री निशांत श्री जी म.सा.* ने भी आचार्य श्री रामेश के कठोर संयम पालन,उत्कृष्ट अनुशासन,कथनी और करनी की एकरूपता आदि दिव्य गुणों पर प्रकाश डाला।
खचाखच भरे प्रवचन पंडाल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेशजी बच्छावत ने आचार्य श्री रामेश के दीक्षा के 50 वे वर्ष को जिसे पूरे देश में *महत्तम महोत्सव* के रुप में मनाया जा रहा है पर प्रकाश डाला।
संघ के अध्यक्ष *कन्हैयालाल जो बैद* ने चतुर्विध। संघ के प्रति आभार प्रकट करते हुए आगामी 14 अगस्त को *मुमक्षु शोभायात्रा व अभिनंदन समारोह* की जानकारी दी।
उदयपुर में विराजित नानेश पट्टधर,युगनिर्माता *आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा.* की विशेष आज्ञा से अपनी निराहार तपस्या के 16वें दिन,दिनाँक 21 जुलाई को बीकानेर की मालू कोटड़ी में दीक्षित *साध्वी श्री कृतार्थ श्री जी म.सा.* का तिविहार संथारा निरंतर गतिशील है। पूर्ण सजगता और अप्रमत्त अवस्था में साध्वी श्री जी दर्शनार्थ आने वाले सभी श्रावक-श्राविकाओं को संसार की नश्वरता का बोध करा रहीं हैं ।
*पर्याय ज्येष्ठा साध्वी श्री पारसकंवरजी म.सा.एवं शासनदीपिका साध्वी श्री कमलप्रभा जी म.सा* के सानिध्य में सम्पूर्ण साध्वीमंडल अप्रमत्त भावों से सेवारत हैं ।सूर्योदय से निरंतर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है ।संथारा में रत साध्वी जी म.सा. को आगम एवं विभिन्न स्तवनों एवं आलोचना आदि की स्वाध्याय करवाई जा रही है।
नवकार महामन्त्र का जाप भी निरंतर गुंजित हो रहा हैं। भजनों की स्वर लहरियों से सम्पूर्ण मालू कोटड़ी गुंजायमान हो रही है ।
साधुमार्गी सेवा समिति, साधुमार्गी महिला मंडल, समता युवा संघ, समता बहु मंडल के सभी सदस्य अपने-अपने निर्धारित सेवा कार्यो में संलग्न हैं।
सभा का संचालन *श्री सुशील जी बच्छावत* ने किया।
आज प्रवचन सभा में सुश्री।निधि सखलेचा।ने ने 13 की तपस्या के प्रत्याख्यान ग्रहण किये। अभी तक राम शरणोत्सव चातुर्मास में 68 से अधिक तेले हो चुके हैं।
4 माह शीलव्रत के 68जोड़ो ने व 24 जोड़ो ने आजीवन शीलव्रत के प्रत्याख्यान ग्रहण किये। 15 उपवास 2 ,8 से 14 की तपस्या 7 श्रावक श्राविकाओं ने की।